गुरुवार, 12 दिसम्बर को सचिव पंचायती राज चंद्रेश कुमार की ओर से आदेश जारी किए गए हैं। हरिद्वार जिले को छोड़कर शेष ग्राम पंचायतों में अगले छह माह तक निवर्तमान प्रधान ही प्रशासक के रूप में कार्य करते रहेंगे। क्षेत्र पंचायतों में ब्लॉक प्रमुखों के लिए भी यह व्यवस्था लागू रहेगी।
सरकार जिला पंचायतों में प्रशासकों के रूप में निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्षों को बैठाने का निर्णय पहले ले चुकी है। एक नवंबर को जिला पंचायत अध्यक्षों का कार्यकाल खत्म हुआ था। जबकि इससे पहले हरिद्वार जिले को छोड़कर 12 जिलों में ग्राम पंचायतों का 27 नवंबर और क्षेत्र पंचायतों का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो गया था। यहां प्रशासक बैठा दिए गए थे।

ग्राम पंचायतों में सहायक खंड विकास अधिकारी (एडीओ) और क्षेत्र पंचायतों में एसडीएम को प्रशासक के तौर पर कार्यभार सौंपा गया था। जिला पंचायतों में निर्वतमान अध्यक्षों को ही प्रशासन बनाने पर ग्राम प्रधान पंचायतों और ब्लॉकों में भी यही व्यवस्था लागू करने की मांग की जा रही थी।सरकार ने अब यह मांग पूरी कर दी है।
निवर्तमान ग्राम प्रधान और ब्लॉक प्रमुख प्रशासक के रूप में छह माह की अवधि या नई ग्राम एवं क्षेत्र पंचायतों के गठन होने तक या अग्रिम आदेशों तक जो भी पहले हो, कार्य करते रहेंगे।
हरिद्वार के 318 ग्राम प्रधानों को छोड़कर राज्य के 7478 निवर्तमान ग्राम प्रधानों को प्रशासक बनाया जाएगा। इसमें अल्मोड़ा जिले में 1160, चमोली 610, रुद्रप्रयाग-336, चंपावत 313, उत्तरकाशी-506, ऊधमसिंह नगर-375, नैनीताल-479, बागेश्वर-402, पौड़ी-1173, टिहरी-1035, पिथौरागढ़-686 और देहरादून-401 निवर्तमान ग्राम प्रधान प्रशासक बनेंगे। राज्य के 95 ब्लाकों में से हरिद्वार को छोड़कर अन्य में क्षेत्र पंचायत प्रमुख प्रशासक बनेंगे।