22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई। यह हमला लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे पाकिस्तान-समर्थित आतंकी संगठनों द्वारा किया गया था।
इसके बाद भारत सरकार ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 7 मई को “ऑपरेशन सिंदूर” की शुरुआत की। इस ऑपरेशन के जरिए भारतीय वायुसेना और खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।
12 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की घोषणा की और इससे जुड़े रणनीतिक संदेश साझा किए।
प्रधानमंत्री के संबोधन की मुख्य बातें
- “सिंदूर की रक्षा हमारी ज़िम्मेदारी है”: प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में इस ऑपरेशन का नाम “सिंदूर” रखने के पीछे का भाव स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की बहनों और बेटियों के सम्मान की रक्षा की प्रतिज्ञा है। उन्होंने कहा, “आज हर आतंकी जान चुका है कि हमारी बहनों-बेटियों के माथे से सिंदूर हटाने का अंजाम क्या होता है।”
- आतंक के ख़िलाफ़ नई नीति: पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत अब “स्ट्राइक फर्स्ट” की नीति अपना चुका है। उन्होंने कहा कि भारत अब केवल सहने वाला देश नहीं है, बल्कि निर्णायक कदम उठाने से भी पीछे नहीं हटेगा। “अब आतंक और वार्ता साथ-साथ नहीं चलेंगे। पाकिस्तान से संवाद केवल आतंक और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) पर होगा।”
- भारतीय वायुसेना और सेना की तारीफ़: प्रधानमंत्री ने भारतीय सेना, वायुसेना और खुफिया एजेंसियों की सराहना की और कहा कि जिस तरह से ऑपरेशन को अंजाम दिया गया, वह भारत की सैन्य क्षमता और नियोजन का परिचायक है। राफेल लड़ाकू विमानों द्वारा SCALP मिसाइलों से 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। एक पाकिस्तानी JF-17 फाइटर को भी मार गिराया गया।
- वैश्विक मंच पर भारत का प्रभाव: प्रधानमंत्री ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर स्पष्ट किया है कि आतंकवाद के खिलाफ अब और चुप्पी नहीं रहेगी। कई देशों ने भारत की इस कार्रवाई को “साहसिक” और “आत्मरक्षा का अधिकार” बताया।
- भारत की जनता का धन्यवाद: प्रधानमंत्री मोदी ने जनता का भी आभार जताया कि उन्होंने सरकार और सेना पर भरोसा बनाए रखा। उन्होंने कहा, “आपका विश्वास ही हमारी ताकत है। भारत अब पहले से कहीं अधिक एकजुट और आत्मनिर्भर है।”
- परमाणु धमकी पर प्रधानमंत्री का सख्त संदेश: प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान की ओर से बार-बार दी जाने वाली परमाणु हमले की धमकियों पर भी स्पष्ट और कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा: “भारत को बार-बार परमाणु बम की धमकी देना अब बंद होना चाहिए। ये 20वीं सदी की सोच है, 21वीं सदी का भारत डरता नहीं है। अगर दुश्मन परमाणु बटन की बात करता है, तो उसे ये समझ लेना चाहिए कि हमारे पास भी वो ताकत है — लेकिन ज़िम्मेदारी के साथ।”
उन्होंने आगे कहा कि भारत एक “Responsible Nuclear Power” है, लेकिन अगर देश की सुरक्षा और सम्मान की बात होगी, तो भारत किसी भी विकल्प को खुला रखेगा। यह बयान भारत की रणनीतिक नीति में हुए बदलाव की ओर भी इशारा करता है, जहां अब “नो फर्स्ट यूज़” (NFU) नीति पर भी पुनर्विचार के संकेत मिल रहे हैं।
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