भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को उनकी ऐतिहासिक यूरोप यात्रा के दौरान पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में एक दुर्लभ सम्मान से नवाजा गया।
उन्हें न केवल ‘सिटी की ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया गया बल्कि साथ ही लिस्बन शहर की मानद नागरिकता (Honorary Citizenship) भी प्रदान की गई — यह किसी भी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष को दी गई पहली ऐसी मान्यता है।
यह सम्मान समारोह लिस्बन के ऐतिहासिक सिटी हॉल में आयोजित हुआ, जहां शहर के मेयर कार्लोस मोएदास ने राष्ट्रपति मुर्मु का गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें सम्मान चिन्ह भेंट किया। यह आयोजन भारत और पुर्तगाल के बीच बढ़ते कूटनीतिक, सांस्कृतिक और तकनीकी संबंधों की पुष्टि करता है।
लिस्बन की ओर से विशेष सम्मान
मेयर मोएदास ने अपने संबोधन में कहा, “राष्ट्रपति मुर्मु न केवल भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं, बल्कि वैश्विक मंच पर लोकतंत्र, समानता और सामाजिक समावेशन की प्रतीक बन चुकी हैं। लिस्बन को उन पर गर्व है, और हम उन्हें अपनी नगर की मानद नागरिकता और ‘की ऑफ ऑनर’ प्रदान कर सम्मानित महसूस कर रहे हैं।”
राष्ट्रपति का भावुक संबोधन
सम्मान प्राप्त करने के बाद राष्ट्रपति मुर्मु ने लिस्बन वासियों को धन्यवाद देते हुए कहा, “यह सम्मान मेरा नहीं, बल्कि उस भारत का है जो विविधता, लोकतंत्र और सह-अस्तित्व में विश्वास रखता है। लिस्बन की इस समावेशी सोच और सांस्कृतिक समृद्धि से प्रभावित हूं। यह सम्मान भारत-पुर्तगाल संबंधों की गहराई को दर्शाता है।”