भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रविवार को चार दिवसीय राजकीय यात्रा पर पुर्तगाल और स्लोवाकिया के लिए रवाना हुईं। यह यात्रा दोनों देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
यह राष्ट्रपति मुर्मू की इन दोनों यूरोपीय देशों की पहली यात्रा है और 27 वर्षों बाद किसी भारतीय राष्ट्रपति की पुर्तगाल यात्रा है। इससे पहले 1998 में तत्कालीन राष्ट्रपति के. र. नारायणन ने पुर्तगाल का दौरा किया था।
पुर्तगाल में होगा भव्य स्वागत
राष्ट्रपति मुर्मू पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा के निमंत्रण पर 7 से 9 अप्रैल तक वहां रहेंगी। लिस्बन पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया जाएगा।
दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी, जिसमें व्यापार, शिक्षा, विज्ञान, संस्कृति और रक्षा सहयोग जैसे क्षेत्रों पर चर्चा होगी।
उनके सम्मान में राजकीय भोज का आयोजन किया जाएगा। राष्ट्रपति मुर्मू पुर्तगाल के प्रधानमंत्री लुइस मोंटेनेग्रो, संसद अध्यक्ष और लिस्बन के मेयर से भी भेंट करेंगी। यात्रा के दौरान वे पुर्तगाल में रह रहे भारतीय समुदाय से भी संवाद करेंगी।
स्लोवाकिया में नई शुरुआत
इसके बाद राष्ट्रपति 9 अप्रैल को स्लोवाकिया के लिए रवाना होंगी, जहां वे राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी के साथ उच्चस्तरीय वार्ता करेंगी। यह यात्रा भारत और स्लोवाकिया के बीच 29 वर्षों में किसी राष्ट्रपति का पहला दौरा है।
स्लोवाकिया में राष्ट्रपति मुर्मू को सम्मानित किया जाएगा और वे वहां के प्रमुख विश्वविद्यालयों के छात्रों व भारतीय मूल के लोगों से मिलेंगी।
भारत की विदेश नीति में नई ऊर्जा
विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह यात्रा यूरोप के साथ भारत के संबंधों को सुदृढ़ करने के साथ-साथ वैश्विक मंचों पर सहयोग और समर्थन को मजबूत करने का प्रयास है। ऊर्जा, डिजिटल टेक्नोलॉजी, पर्यटन और ग्रीन ट्रांजिशन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को लेकर समझौते होने की उम्मीद है।
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