नगर क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न स्थानों पर पेयजल संकट गहराने लगा है, जबकि सड़क किनारे लगे हैड़पम्प विभागीय लापरवाही के करण वर्षों से शोपीस बने हुए है।
मौसम के अनुकूल बर्फबारी व बारिश न होने से पेयजल गहराने का मुख्य कारण माना जा रहा है। फरवरी माह में प्राकृतिक जलस्रोतो के जल स्तर पर भारी गिरावट आने भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं माना जा रहा है।
आने वाले दिनों में यदि मौसम के अनुकूल बर्फबारी व बारिश नहीं हुई, तो मई-जून में विभिन्न क्षेत्रों में भारी पेयजल संकट गहराने की सम्भावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है।
विगत कई वर्षों से जलवायु परिवर्तन के कारण प्राकृतिक जलस्रोतो के जल स्तर पर निरन्तर गिरावट देखने को मिल रही है। इस वर्ष दिसम्बर व जनवरी माह में मौसम के अनुकूल बर्फबारी व बारिश न होने से नगर क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न तोको मे पेयजल संकट गहराने लगा है।
व्यापार संघ संरक्षक आनंद सिंह रावत ने बताया कि विभागीय लापरवाही के कारण नगर क्षेत्रान्तर्गत कई तोकों में विगत दो सप्ताह से पेयजल आपूर्ति ठप है जिससे व्यापारी बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज बना हुआ है।
उनका कहना है कि मोटर मार्ग के किनारो लगे हैडपम्प का रख-रखाव कर पेयजल आपूर्ति सुचारू होती तो व्यापारियों को कुछ राहत मिलती।
जल संस्थान के अवर अभियन्ता बीरेन्द्र भण्डारी ने बताया कि दिसम्बर व जनवरी माह मे मौसम के अनुकूल बर्फबारी व बारिश न होने से प्राकृतिक जल स्रोतो के जल स्तर पर भारी गिरावट आने से पेयजल आपूर्ति करने मे भारी परेशानी हो सकती है तथा आने वाले समय मे समस्या और अधिक गम्भीर हो सकती है।
उन्होंने बताया कि सड़क किनारे हैड पम्प के रख-रखाव के लिए विभागीय अधिकारियो को पत्राचार किया जा रहा है।