तेलंगाना के नागरकुर्नूल में बन रही 42 किमी. की दुनिया की सबसे लंबी पानी की टनल में 8 कर्मचारियों को फंसे तीन दिन बीत चुके हैं।
584 लोगों की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी है। इसमें सेना, नौसेना, NDRF, SDRF, IIT चेन्नई और L&T कंपनी के एक्सपर्ट्स शामिल हैं। लेकिन अब तक फंसे हुए कर्मचारियों से कोई संपर्क नहीं हो पाया है।
इसके बाद अब यह काम रैट माइनर्स (चूहों की तरह खदान खोदने वाले मजदूर) को सौंपा गया है। इन्होंने ही 2023 में उत्तराखंड की सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को सही-सलामत बाहर निकाला था।
बता दें कि, शनिवार की सुबह तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) परियोजना में सुरंग का एक हिस्सा अचानक ढह गया।
इस दौरान वहां काम करने वाले कई मजदूरों को बचा लिया गया जबकि 8 मजदूर इसमें फंस गए। लोहे की छड़ को काटने के लिए गैस कटर लगातार काम कर रहे हैं।
सुरंग के अंदर मौजूद लोगों का पता लगाने के लिए खोजी कुत्तों को भी बुलाया गया। हालांकि, पानी की मौजूदगी के कारण वे आगे नहीं बढ़ पाए।

साथियों का इंतजार कर रहे अन्य मजदूर
जैसे-जैसे बचाव कार्य आगे बढ़ रहा है, बचे हुए मजदूर अपने साथियों की सुरक्षित वापसी की उम्मीद कर रहे हैं। दुर्घटना के चश्मदीदों ने बताया कि घटना के दिन, 22 फरवरी की सुबह, जैसे ही वे सुरंग में घुसे, पानी का बहाव अचानक तेज हो गया और मिट्टी ढहने लगी।
टनल में घुसते ही घुटनों तक पानी-मलबा
बचाव दल ने रविवार को ही रेस्क्यू की कोशिशें शुरू कर दी थीं। रेस्क्यू टीम ने टनल में हादसे की जगह का निरीक्षण किया था। अंदर जाने का कोई रास्ता न होने पर वह लौट आई थी।
सोमवार को NDRF और SDRF के जवानों ने 50-50 हॉर्स पावर के 5 पंपों से पानी निकालकर ट्रेन ट्रैक बिछाया। साथ ही टनल में रोशनी की व्यवस्था भी की। टीम मलबे के करीब पहुंच चुकी है।
रेस्क्यू टीम ने सोमवार सुबह मलबे के पास पहुंचकर करीब आधे घंटे तक कर्मचारियों का नाम लेकर आवाज लगाई, लेकिन दूसरी तरफ से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला था।
तेलंगाना सरकार के मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने कहा था कि हमारी कोशिशें जारी हैं लेकिन कर्मचारियों के बचने की संभावना कम है।
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