एक और आरोपी गिरफ्तार
161 जिलेटिन ट्यूब केस में एसएसपी के निर्देश पर तेज हुई कार्रवाई, भिकियासैण से दबोचा गया ललित सिंह पाटनी
सल्ट क्षेत्र से 161 जिलेटिन ट्यूब की बरामदगी के मामले में अल्मोड़ा पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक और वांछित आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
एसएसपी देवेन्द्र पींचा के सख्त निर्देशों के बाद इस संवेदनशील केस में धरपकड़ तेज कर दी गई है। पुलिस टीम ने आरोपी ललित सिंह पाटनी उर्फ लवी को भिकियासैण से दबोच लिया।
विशेष टीम की कार्रवाई, वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी
यह गिरफ्तारी अपर पुलिस अधीक्षक हरबन्स सिंह और सीओ रानीखेत विमल प्रसाद के पर्यवेक्षण में गठित विशेष टीम द्वारा की गई। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए हर पहलू की जांच की जा रही है।
किन धाराओं में दर्ज हुआ मामला
जिलेटिन से जुड़े इस मामले में पुलिस ने धारा 4(क) विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और धारा 288 बीएनएस के तहत केस दर्ज किया है।
पुलिस का कहना है कि विस्फोटक सामग्री की अवैध मौजूदगी से जुड़े ऐसे मामलों में ज़रा भी लापरवाही नहीं बरती जाएगी।
सड़क निर्माण के दौरान ली थीं जिलेटिन ट्यूब
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में आरोपी ललित सिंह पाटनी (35 वर्ष), निवासी पाटनी गांव, चंपावत ने बताया कि:
- वर्ष 2016-17 में उसने लगभग 3 किमी लंबी सड़क निर्माण परियोजना का ठेका लिया था।
- वह यह काम प्रशांत कुमार बिष्ट के साथ साझेदारी में कर रहा था।
- चट्टान काटने के लिए उसने ठेकेदार रह चुके अपने पिता से जिलेटिन ट्यूब हासिल की थीं।
- वर्तमान में उसके पिता का निधन हो चुका है।
पुलिस इन दावों की गहन जांच कर रही है कि बरामद जिलेटिन ट्यूब पुराने निर्माण कार्य से संबंधित हैं या वर्तमान में किसी अन्य उद्देश्य के लिए रखी गई थीं।
गिरफ्तार करने वाली टीम में ये अधिकारी शामिल
इस अभियान में शामिल पुलिस अधिकारियों की सूची इस प्रकार रही:
- एसओजी प्रभारी निरीक्षक: भुवन जोशी
- थानाध्यक्ष देघाट: अजेंद्र प्रसाद
- थानाध्यक्ष सल्ट: कश्मीर सिंह
- एसआई: बृजमोहन भट्ट
- अन्य पुलिसकर्मी: कमल गोस्वामी, सुरेंद्र सिंह, राकेश भट्ट, राजेश भट्ट, इरशाल उल्ला
- हेड कांस्टेबल: अवधेश कुमार
- कांस्टेबल: गणेश पांडे, चंदन सिंह
पुलिस का दावा: जल्द होंगे और खुलासे
पुलिस का कहना है कि केस से जुड़े अन्य पहलुओं की जांच जारी है और जल्द ही बाकी संलिप्तों की भी गिरफ्तारी की जाएगी।
पूरे नेटवर्क की पड़ताल की जा रही है ताकि पता चल सके कि विस्फोटक सामग्री की आपूर्ति कहां से हुई और किस उद्देश्य से की जानी थी।
















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