अमेरिका के साउथिंगटन हाई स्कूल की छात्रा कृति गुप्ता बनीं सेलिटेट्रियन

भारतीय मूल की इस छात्रा ने अपने भाषण से किया अभिभूत

भविष्य में मनोचिकित्सक बनना चाहती हैं कृति

गंगा असनोड़ा

नॉर्थ अमेरिका का साउथिंगटन हाई स्कूल, जिसमें सातथिंगटन, प्लेनविले, मिलडेल तथा मार्लिन शहरों के विद्यार्थी पढ़ते हैं। इस विद्यालय के हाईस्कूल परीक्षा में इस वर्ष भारतीय मूल की कृति गुप्ता श्रेष्ठता सूची में ‘दूसरे’ स्थान पर रहीं। अमेरिका में प्रथम स्थान पाने वाले को वैलिडेटरियन तथा दूसरे स्थान पाने वाले को सेलिटेटरियन कहते हैं। भावी समय में मनोचिकित्सक बनने की चाह रखने वाली 18 वर्षीय कृति गुप्ता के इस शानदार भाषण को पढ़िए तो….

अपने शिक्षकों का धन्यवाद करते हुए, विशेष रूप से अपने कक्षाध्यापक हेनमन का आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि तमाम नादानियों तथा खुराफातों के बावजूद वे अपने विद्यार्थियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहे।

इस दुनिया में बहुत दुख हैं, लेकिन बहुत सुंदरता भी है। मुझे यह मालूम है, क्योंकि मैं इसे हमारे भीतर देखती हूं।

हर कोई आपको बताएगा कि दुनिया को बदलने के लिए हमें कुछ बड़ा और भव्य चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं है।

दुनिया शायद कभी उस तरह से नहीं बदलेगी जैसा हम चाहते हैं। कम से कम हमारे जीवन काल में तो नहीं। अभी दुनिया में बहुत अधिक उत्पीड़न और घृणा है, जिनमें से अधिकांश हमारे सौधे नियंत्रण से बाहर है। इसका मतलब यह नहीं कि हम शक्तिहीन है। इसका मतलब यह नहीं है कि हम बदलाव नहीं ला सकते। दुख है, लेकिन उम्मीद भी है। जैसे ही हम अपने सामने की दुनिया में कदम रखते हैं, छोटी-छोटी चीज करें। भले ही यह सुनने में कितना भी घिसा-पिटा लगे। उस बूढ़ी महिला को सड़क पार करने में मदद करें। दुनिया के छोटे-छोटे हिस्सों को ठीक करके दुनिया को बदलने वाला व्यक्ति बनें। हम हर समस्या को ठीक नहीं कर सकते, स्थिति को नियंत्रित नहीं कर सकते, लेकिन हम जो नहीं कर सकते, उस पर ध्यान ना दें।

हम जो कर सकते हैं, उस पर ध्यान दें। हम रोने के लिए कंधा दे सकते हैं, अपने साथियों का समर्थन कर सकते हैं और बचा हुआ कचरा उठा सकते हैं, भले ही वह हमारा ना हो। हम आश्रम स्थलों में स्वयं सेवा कर सकते हैं, भेदभाव के खिलाफ खड़े हो सकते हैं और अन्याय के खिलाफ प्रदर्शन कर सकते हैं। हम सार्थक कार्यवाही कर सकते हैं और ऐसा करके हम जीवन बदल सकते हैं।

जब मैं भीड़ में देखती हूं, तो मैं सिर्फ उन लोगों को नहीं देखती, जिन्हें मैं पिछले 4 साल से जानती हूं। मैं अपना भविष्य देखती हूं। मैं भविष्य के डॉक्टरों, वकीलों, शिक्षकों, इंजीनियरों, अंतरिक्ष यात्रियों तथा भविष्य के मेहनतकश लोगों को देखती हूं। हमारी क्षमता असीमित है, लेकिन यह केवल उतना ही आगे बढ़ेगी, जितना हम इसे ले जाएंगे। इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम इसे अभी बहुत दूर तक ले जाएं। हम सभी अपने जीवन के इस महत्वपूर्ण, लेकिन क्षणभंगुर क्षण को साझा कर रहे हैं, लेकिन जैसे-जैसे हम आगे चड़ रहे हैं. मुझे आशा है कि हम सभी एक समय में एक छोटी से छोटी चीज के साथ बड़े-बड़े काम करेंगे।

Website |  + posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: