जन संगठनों ने श्रीदेव सुमन को किया याद
श्री देव सुमन के शहादत दिवस के अवसर पर नफरती हिंसा, विनाशकारी परियोजनाओं पर जन संगठनों ने आवाज़ उठाई
स्वतंत्रता सेनानी श्री देव सुमन के शहादत दिवस पर “प्रजातंत्र दिवस” के रूप में देहरादून के शहीद स्मारक पर “हमारी विरासत” के नाम पर आयोजित कार्यक्रम में जन संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। श्री देव सुमन के संघर्षों एवं सिद्धांतों को सम्मान करते हुए शामिल हुए संगठनों ने प्रदेश में सत्ताधारी दल और उनके करीब संगठनों पर नफरती प्रचार का आरोप लगाते हुए कहा कि हाल में डोईवाला, नैनीताल और उत्तरकाशी में हिंसा और नफरती भाषणों के बावजूद नफरतियों के खिलाफ सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

वक्ताओं ने कहा कि इस तरह सरकार खुद संविधान के मूल्यों के विपरीत कदम उठा रही है। SC / ST टीचर्स एसोसिएशन की राय को समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी धार्मिक ग्रंथ का पाठ सरकारी स्कूलों में अनिवार्य रूप से पढ़ाना, या किसी भी सामाजिक समस्या जैसे अतिक्रमण को धार्मिक रंग देना, यह हमारे संविधान के खिलाफ है।
एक तरफ सरकार इस रूप में संवैधानिक मूल्यों की धज्जियां उड़ा रही है और दूसरी तरफ जनता के हक़ों और असली विकास को किनारे करते हुए रिस्पना बिंदाल एलिवेटेड रोड जैसे विनाशकारी परियोजना लाने की कोशिश कर रही है जिससे मूल फायदे कंपनियों, नेताओं और अफसरों को होगा और राज्य की जनता को नहीं।

इस समय इन सब के खिलाफ आवाज़ उठाना और प्रदेश का असली विकास एवं लोकतंत्र की मज़बूती के लिए कदम उठाना, यही श्री देव सुमन और इस प्रदेश के अन्य संघर्षशील नायकों के लिए असली श्रद्धांजलि होगी।
कार्यक्रम में पूर्व बार काउंसिल अध्यक्ष रजिया बेग, उत्तराखंड महिला मंच की चंद्रकला एवं निर्मला बिष्ट, चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल और राजेंद्र शाह, राज्य आंदोलनकारी मंच से सुरेश कुमार, पर्यावरणवादी संगठन मैड के विवेक गुप्ता, आशीष और अन्य साथी, उत्तराखंड इंसानियत मंच के राघवेंद्र आदि शामिल रहे।

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