स्टेशन पर ड्रोन निगरानी शुरू
त्योहारों के सीजन में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर भारतीय रेलवे ने व्यापक सुरक्षा अभियान शुरू किया है। दिवाली और छठ पूजा जैसे त्योहारी मौसम में रेलवे ने ट्रेनों और स्टेशनों पर तोड़फोड़-रोधी जांच (एंटी-सबोटाज चेक) तेज कर दी है।
डॉग स्क्वॉड, जीआरपी और स्थानीय पुलिस की मदद से आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) टीमें चौबीसों घंटे तैनात की गई हैं। कुछ प्रमुख स्टेशनों पर ड्रोन कैमरों से निगरानी भी की जा रही है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशि किरण ने कहा कि “दिवाली के दौरान ट्रेनों में पटाखे, विस्फोटक या किसी भी ज्वलनशील पदार्थ के साथ यात्रा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।”
उन्होंने बताया कि यात्री अक्सर पटाखे, पेट्रोलियम उत्पाद, गैस सिलेंडर, मिट्टी का तेल, माचिस, स्टोव और लाइटर जैसी चीजें लेकर यात्रा करते हैं, जो सुरक्षा के लिहाज से बेहद खतरनाक हैं। इन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
रेलवे अधिनियम के तहत सख्त सजा
रेलवे ने कोचों में चेतावनी स्टिकर भी लगाए हैं, जिनमें लिखा गया है कि ज्वलनशील पदार्थ ले जाना अपराध है।
रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 67, 164 और 165 के तहत यह अपराध तीन साल की कैद, 1,000 रुपये तक जुर्माना या दोनों के दंड से दंडनीय है।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उत्तर और मध्य रेलवे ने 28 अक्टूबर तक कुछ प्रमुख स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है।
हालांकि, वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों और महिला यात्रियों के साथ आने वाले लोगों को पूछताछ कार्यालय से टिकट मिल सकेंगे।
Leave a Reply