कोलकाता रेप प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट ने दिलाई याद


कहा- 2018 में दिए फैसले की सोशल मीडिया पर हो रही अवमानना
रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो

कोलकाता रेप और मर्डर केस को लेकर देश भर के डॉक्टर्स अपना विरोध जता रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान रेप पीड़िता के समर्थन में प्रदर्शनकारी पीड़िता को लेकर अलग-अलग नाम का प्रयोग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर न सिर्फ पीड़िता की पुरानी तस्वीरें इस्तेमाल की जा रही हैं, बल्कि रेप पीड़िता का नाम भी उजागर कर रहे थे, जो कि गैर कानूनी है।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेपी पादरीवाला, जस्टिस मनोज मिश्रा की बैंच ने स्वतःसंज्ञान लेकर मामले की सुनवाई की। सोशल मीडिया और आम जन की असंवेदनशीलता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा आदेश जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता रेप प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट 20 अगस्त को दो वकीलों की ओर से याचिका दायर की गई थी। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ के सम्मुख कहा कि सुप्रीम कोर्ट के ही आदेश के मुताबिक रेप पीड़िता की पहचान को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद कोलकाता मामले में रेप पीड़िता की तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर है।
इस यचिका की सुनवाई के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने रेप पीड़िता की तस्वीरों को सोशल मीडिया प्लेटफार्म से हटाने के आदेश जारी किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, ”सोशल मीडिया पर रेप पीड़िता की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रही हैं। यह निपुण सक्सेना केस में दिए गए फैसले का उल्लंघन है। निपुण सक्सेना केस की सुनावाई के दौरान साफ तौर पर यह फैसला दिया गया था कि रेप पीड़िता की पहचान उजागर नहीं की जा सकती। कोर्ट ने कहा कि, ”हम आदेश देते हैं कि सोशल मीडिया पर विक्टिम का नाम, उसकी तस्वीर और उससे जुड़े किसी भी तरह के वीडियो क्लिप को तुरंत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटा दिया जाए।“

ये है निपुण सक्सेना केस

  • निपुण सक्सेना वर्सेज यूनियन ऑफ इंडिया केस 2018 में सामने आया।
  • रेप पीड़िता का नाम उजागर करने पर दो साल की सजा हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
  • यदि रेप पीड़िता की मृत्यु हो चुकी है या मानसिक विक्षिप्त है, पीड़िता का नाम या उनके निकटतम रिश्तेदारों और दोस्तों के नाम और पहचान भी उजागर नहीं किया जा सकता है।

कोर्ट ने पुलिस से पूछे ये सवाल
एफआईआर में क्यों हुई देरी। कहा कि एफआईआर में क्यों देरी हुई? अभिभावकों को तीन घंटे की देरी से डैड बॉडी नहीं दिखा।

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