दिवाली के बाद से दिल्ली और एनसीआर की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है। प्रदूषण का स्तर बढ़ने से लोगों को आंखों में जलन व सांस लेने परेशानी शुरू हो गई है।
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सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली पर पटाखों को लेकर दिए गए आदेश का पालन नहीं करने पर सख्त नाराजगी जताते हुए दिल्ली सरकार को खूब फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद खराब है।
दरअसल दिवाली के बाद से दिल्ली और एनसीआर की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है। प्रदूषण का स्तर बढ़ने से लोगों को आंखों में जलन व सांस लेने परेशानी शुरू हो गई है। कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 को पार कर गया है। जो गंभीर श्रेणी में बदलाव का संकेत है।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएस ओका के नेतृत्व वाली दो सदस्यीय बेंच ने सवाल किया, “अखबारों में बड़े पैमाने पर खबरें आ रही हैं कि पटाखों पर प्रतिबंध लागू नहीं हुआ। दिल्ली सरकार की ओर से कौन पेश हो रहा है? दिल्ली सरकार जवाब दे कि यह बैन क्यों सख्ती से लागू नहीं किया गया?” इस बेंच में जस्टिस ओका के अलावा जस्टिस ऑगस्टीन मसीह भी शामिल थे।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से हलफनामा देने को कहा है कि आखिर पटाखों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया गया साथ ही कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
जस्टिस ओका ने कहा कि लोग दूसरे राज्यों से पटाखे ला रहे हैं। दिवाली से पहले जन अभियान चलाना होगा, जनता में समझ की कमी है। एक सप्ताह के भीतर दिल्ली सरकार और पुलिस कमिश्नर जवाब दें।
सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही पंजाब और हरियाणा से भी हलफनामा देने को कहा है। कोर्ट ने दोनों राज्यों से पूछा कि, ‘अंतिम 10 दिनों में पराली जलाने से संबंधित कितनी घटनाएं सामने आई है?’ कोर्ट ने उन्हें 13 नवंबर तक हलफनामा दाखिल करने को कहा।
दिवाली के बाद दिल्ली में प्रदूषण
सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के विभिन्न इलाकों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब रही थी। दिवाली के अगले दिन सुबह 6 बजे तक की रिपोर्ट में देखा गया कि आनंद विहार में AQI 396, बुराड़ी में 394, सोनिया विहार में 392, पंजाबी बाग में 391, और दिल्ली नॉर्थ कैंपस में 390 दर्ज किया गया। अन्य क्षेत्रों जैसे बवाना में 388, अशोक विहार में 384, आया नगर में 352, अलीपुर में 350, चांदनी चौक में 336 रहा।
पिछले 2 साल के मुकाबले में इस बार प्रदूषण काफी ज्यादा
सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि इस बार राजधानी दिल्ली में प्रदूषण 2022 और 2023 के मुकाबले काफी ज्यादा है। प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए अदालत ने बहुत पहले ही आदेश जारी कर दिए थे मगर, फिर भी पटाखे फोड़े गए। अदालत ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा, कि फायर क्रैकर्स पर बैन प्रदूषण पर काबू के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय है। सरकार हमें जवाब दे कि बैन के बाद भी आतिशबाजी कैसे हुई?