कैलाश से ऊखीमठ के लिए रवाना होगी डोली
तृतीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट बन्द होने की सभी तैयारियां पूरी कर ली है। भगवान मदमहेश्वर के कपाट बन्द करने के लिए मन्दिर समिति का दल मदमहेश्वर धाम पहुंच गया है।
आज बुधवार को शुभलगनानुसार भगवान मदमहेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए विधि-विधान से बन्द कर दिये जायेगें। वही भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश से ऊखीमठ आगमन पर ऊखीमठ में लगने वाले मेले की तैयारियां जोरों पर है तथा मन्दिर समिति द्वारा भी ओकारेश्वर मन्दिर को भव्य रुप से सजाने की तैयारियां शुरू कर दी गयी है।
जानकारी देते हुए ओकारेश्वर मन्दिर प्रभारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि बुधवार को भगवान मदमहेश्वर के कपाट शुभ लगनानुसार शीतकाल के लिए वेद ऋचाओं के साथ बन्द कर दिये जायेगें तथा कपाट बन्द होने के बाद भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली कैलाश से रवाना होगी तथा विभिन्न यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए गौण्डार गांव पहुंचेगी।
उन्होंने बताया कि 21 नवम्बर को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौण्डार गांव से रवाना होगी तथा रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मन्दिर रासी पहुंचेगी। 22 नवम्बर को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली राकेश्वरी मन्दिर रासी से रवाना होकर अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए गिरीया गांव पहुंचेगी तथा 23 नवम्बर को गिरीया गांव से रवाना होकर शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में विराजमान होगी।
24 नवम्बर से भगवान मदमहेश्वर की शीतकालीन पूजा ओकारेश्वर मन्दिर में विधिवत शुरू होगी। उन्होंने बताया कि भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ आगमन पर मन्दिर समिति द्वारा ओकारेश्वर मन्दिर को भव्य रूप से सजाने की तैयारियां शुरू कर दी गयी है।
वही दूसरी ओर भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ आगमन पर जीआईसी के खेल मैदान मे 22 नवम्बर से 24 नवम्बर तक लगने वाले त्रिदिवसीय मदमहेश्वर मेले की तैयारियां जोरों पर है।
मेला अध्यक्ष राजीव भट्ट ने बताया कि मेला समिति द्वारा मेले को भव्य रूप देने की सामूहिक पहल की जा रही है तथा त्रिदिवसीय मदमहेश्वर मेले की तैयारियां जोरों पर है। मेला सचिव प्रकाश रावत ने बताया कि त्रिदिवसीय मदमहेश्वर मेले को भव्य रूप देने के लिए व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।