त्रियुगीनारायण – तोषी पैदल मार्ग बारिश के कारण जगह- जगह क्षतिग्रस्त होने तथा राज्य योजना के अन्तर्गत निर्माणाधीन त्रियुगीनारायण- तोषी मोटर मार्ग पर कई स्थानों पर भूस्खलन का मलवा आने तोषी गांव के ग्रामीणों का जनजीवन खासा प्रभावित हो गया है तथा राहगीरों को जान हथेली पर रखकर आवाजाही करनी पड़ रही है।
जीआईसी त्रियुगीनारायण में अध्यनरत तोषी गांव के नौनिहालों का पठन- पाठन भी खासा प्रभावित हो गया है तथा ग्रामीण व नौनिहाल सोन नदी पर ग्रामीणों द्वारा विगत वर्ष लगाई गये लकड़ी के खम्भे से आवाजाही करने के लिए विवश बने हुए हैं।
आने वाले समय में यदि सोन नदी के जल स्तर में वृद्धि होती है तथा सोन नदी पर लगया गया लकड़ी का खम्भा सोन नदी की तेज धाराओ में समा जाता है तो तोषी के ग्रामीणों का सम्पर्क त्रियुगीनारायण व सोनप्रयाग से कट सकता है तथा बरसात के समय तोषी गांव में खाद्यान्न संकट गहराने के साथ रोजमर्रा की वस्तुओ का संकट पैदा हो सकता है।
आगामी 22 जुलाई से पूर्व यदि क्षतिग्रस्त पैदल मार्ग की मरम्मत तथा निर्माणाधीन मोटर मार्ग से भूस्खलन का मलवा नहीं गया तो 24 जुलाई को सम्पन्न होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की पोलिंग पार्टी को भी तोषी गांव पहुंचने के लिए भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

ग्रामीणों का कहना है कि एक तरफ शासन – प्रशासन सीमान्त गांवों को प्रथम गांव में रखने का ढिंढोरा पीट रहा है, दूसरी तरफ तोषी गांव की सुध लेने वाला कोई नहीं है।
बता दे कि केदार घाटी के सीमान्त क्षेत्रों में विगत एक माह से मूसलाधार बारिश जारी है। मूसलाधार बारिश के कारण त्रियुगीनारायण – तोषी पैदल मार्ग भूस्खलन आने के कारण जगह- जगह क्षतिग्रस्त हो गया है।
राज्य योजना के अन्तर्गत निर्माणाधीन त्रियुगीनारायण- तोषी मोटर मार्ग पर भी सफर करना जानलेवा बना हुआ है फिर भी ग्रामीण निर्माणाधीन मोटर मार्ग से आवागमन करने के लिए विवश बने हुए है।
निर्माणाधीन त्रियुगीनारायण- तोषी मोटर मार्ग पर सोन नदी में बनने वाले पुल की डीपीआर शासन की फाइलों में कैद रहने से ग्रामीण सोन पर पर लकड़ी के सहारे जान हथेली पर रखकर आवाजाही करने को विवश बने हुए हैं।

सामाजिक कार्यकर्ता नितिन जमलोकी ने बताया कि पैदल व निर्माणाधीन मोटर मार्ग पर जगह – जगह मलवा आने से दोनों मार्गों पर आवाजाही करना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।
ग्रामीण गीताराम सेमवाल ने बताया कि शासन – प्रशासन व सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों को बार – बार अवगत कराने के बाद भी पैदल व निर्माणाधीन मोटर मार्ग की हालत भूस्खलन व मलवा आने से जर्जर बनी हुई है तथा ग्रामीणों व जीआईसी त्रियुगीनारायण में अध्यनरत नौनिहालों को जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है।
