तीन माह में कराना होगा शादी का रजिस्ट्रेशन
शादी का पंजीकरण न होने पर योजनाओं का भी नहीं मिलेगा लाभ
रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो
प्रदेश में सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए विवाह का पंजीकरण अनिवार्य होगा। यह व्यवस्था भविष्य में होने वाले विवाह के साथ ही पहले हो चुके विवाह यानी पुराने विवाहितों के लिए भी लागू की जाएगी। समान नागरिक संहिता की नियमावली में इस प्रविधान को सम्मिलित करने की तैयारी है।
शुक्रवार, 13 सितम्बर को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और उत्तराखंड समान नागरिक संहिता समिति के सदस्य शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में संहिता की नियमावली के अंतिम चरण की समीक्षा और कार्यान्वयन पर गहन विचार विमर्श किया गया। कहा गया कि संहिता में शादी पंजीकरण अनिवार्य तौर पर कराने के प्रावधान के तहत क्रियान्वयन के लिए सरकार को उपाय करने होंगे।
बैठक में तय हुआ कि राज्य सरकार चाहे तो सरकारी सेवाएं और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने वालों के लिए शादी का पंजीकरण अनिवार्य कर सकती है। तय समय के बाद सरकार योजनाओं का लाभ देने से इन्कार सकती है, उसे जारी रखने के लिए पहले पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा।
यूसीसी के तहत शादी पंजीकरण की समय सीमा लागू
बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और यूसीसी समिति सदस्य शत्रुघ्न सिंह ने यूसीसी के क्रियान्वयन के लिए बनने वाली नियमावली को अंतिम रूप देने में सभी विभागों को सहयोग व समन्वय के निर्देश दिए।
यूसीसी में प्रावधान है कि जिस तारीख से यूसीसी लागू होगा, उसके छह माह तक उन जोड़ों को पंजीकरण करवाने का समय दिया जाएगा, जो यूसीसी लागू होने की तारीख से पहले से शादीशुदा हैं।
यूसीसी लागू होने की तिथि या उसके बाद शादी करने वाले विवाहितों को तीन महीने का समय मिलेगा। दोनों श्रेणी में अवधि समाप्त होने के बाद किसी भी सरकारी कल्याणकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
बैठक में यूसीसी सदस्य मनु गौड़, सुरेखा डंगवाल, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, प्रमुख सचिव रमेश कुमार, सुधांशु आदि मौजूद थे।