- मुख्य अतिथि श्रीलंका सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीकेजीएम लसंथा रोड्रिगो रहे
- नौ मित्र देशों के 32 कैडेट्स भी पास आउट
देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) के ऐतिहासिक चैटवुड भवन के परेड ग्राउंड पर शनिवार, 14 जून की सुबह एक बार फिर इतिहास रचा गया। यह दिन देश की रक्षा पंक्ति के लिए बेहद खास रहा — जब 419 भारतीय जेंटलमैन कैडेट्स ने सेना की वर्दी पहन देश सेवा की शपथ ली।
सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि 9 मित्र देशों के 32 विदेशी कैडेट्स ने भी इस गर्व के क्षण का हिस्सा बनकर IMA से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। हैं।
विदेशी कैडेटों को मिलाकर आईएमए से पासआउट होने वाले कैडेटों की कुल संख्या 451 है। ये सभी सैन्य नेतृत्व, शारीरिक दक्षता और रणनीतिक कौशल में पारंगत हो चुके हैं। प्रशिक्षण के दौरान कैडेटों को युद्ध कौशल, हथियार संचालन, नेतृत्व और नैतिक मूल्यों का गहन प्रशिक्षण दिया गया।
अकादमी के एतिहासिक चैटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर परेड का आयोजन किया गया। इसके बाद होने पीपिंग और ओथ सेरेमनी के साथ ही 156वें रेगुलर कोर्स और 139वें टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स के कुल 451 जेंटलमैन कैडेट सेना में शामिल हुए।
एक पुराना कैडेट, आज बना रिव्यूइंग ऑफिसर
इस साल की पासिंग आउट परेड की सलामी ली श्रीलंका के सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बीकेजीएम लासंथा रोड्रिगो ने — जो 1990 में IMA के 87वें कोर्स से खुद कमीशन प्राप्त कर चुके हैं।
उनकी मौजूदगी ने परेड को सिर्फ एक सैन्य कार्यक्रम नहीं, बल्कि ‘सेना की अंतरराष्ट्रीय एकता’ का उत्सव बना दिया। परेड की शुरुआत सुबह 6:38 बजे मार्कर्स कॉल के साथ हुई, और कुछ ही मिनटों में चैटवुड की ऐतिहासिक इमारत के सामने राष्ट्र के भविष्य ने कदमताल करना शुरू कर दिया।
IMA की कसम: तन, मन और जीवन राष्ट्र को अर्पित
हर जेंटलमैन कैडेट ने सेना की पारंपरिक शपथ के साथ यह वादा किया कि वह “अपने तन, मन और जीवन को भारत माता की सेवा में समर्पित करेगा।”
यह क्षण केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि हर एक परिवार के लिए गर्व और हर भारतीय नागरिक के लिए सुरक्षा का आश्वासन था।
सम्मान और नेतृत्व: ये कैडेट्स बने प्रेरणा
IMA की परंपरा के अनुसार, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले कैडेट्स को खास पुरस्कारों से नवाज़ा गया। इस बार भी कई नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गए:
अवॉर्ड विजेता कैडेट विवरण
- स्वॉर्ड ऑफ ऑनर : अनिल नेहरा (सबसे उत्कृष्ट कैडेट)
- गोल्ड मेडल : रोनित रंजन (सर्वश्रेष्ठ अकादमिक प्रदर्शन)
- सिल्वर मेडल : अनिल नेहरा (फिजिकल एंड लीडरशिप में श्रेष्ठ)
- ब्रॉन्ज मेडल : अनुराग वर्मा &समग्र उत्कृष्टता)
- टीईएस सिल्वर : कपिल( तकनीकी प्रवेश योजना में श्रेष्ठ)
- टीजी सिल्वर : आकाश भदौरिया (तकनीकी ग्रेजुएट कैटेगरी में श्रेष्ठ)
- चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर : केरन कंपनी (सर्वश्रेष्ठ परेड कंपनी)
अंतरराष्ट्रीय सैन्य साझेदारी: 9 देशों के कैडेट्स
इस बार जो 32 विदेशी कैडेट पास आउट हुए, वे निम्नलिखित 9 मित्र राष्ट्रों से आए हैं:
- नेपाल
- भूटान
- श्रीलंका
- वियतनाम
- मालदीव
- म्यांमार
- तजाकिस्तान
- फिजी
- सेशेल्स
यह केवल सैन्य प्रशिक्षण का विस्तार नहीं, बल्कि सामरिक कूटनीति का मजबूत संकेत भी है — कि भारत एक भरोसेमंद रक्षा भागीदार बना हुआ है।
