भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने तथा पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के कारण चार वर्ष से अधिक समय से तल्ख रहे द्विपक्षीय संबंधों को बहाल करने समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बुधवार को यहां मुलाकात की।
बुधवार को बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच बैठक में 6 मुद्दों पर सहमति बनी। यह बैठक भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए हुई थी।
डोभाल 17 अक्टूबर को भारत और चीन के बीच विशेष प्रतिनिधि स्तर की 23वीं बैठक में शामिल होने पहुंचे थे। डोभाल 5 साल के बाद चीन के दौरे पर गए हैं।
इससे पहले 2019 में विदेश मंत्री जयशंकर ने बीजिंग का दौरा किया था। जून 2020 में गलवान में हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंध खराब हो गए थे।
ईमानदारी से मतभेदों को सुलझाने के लिए तैयार :चीन
बातचीत के दौरान डोभाल और वांग ने कहा कि LAC पर चार साल लंबे सैन्य गतिरोध से सबक लेना चाहिए। ताकि सीमा पर शांति और स्थिरता बनी रहे।
उन्होंने उन दूसरे कारणों पर भी बात की जो इस सीमा तनाव से प्रभावित हुए थे। इसमें भारत से तिब्बत तक कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करना, ट्रांस-बॉर्डर नदियों पर डेटा साझा करना और सीमा व्यापार शामिल है।
बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने चीन-भारत सीमा मुद्दे पर सकारात्मक और रचनात्मक बातचीत की। दोनों पक्षों ने सीमा मुद्दों पर अब तक हुए समाधान की सकारात्मक समीक्षा की और इस बात पर बल दिया कि इन समाधानों को लागू करने का कार्य जारी रहना चाहिए।
दोनों पक्ष अगले वर्ष भारत में विशेष प्रतिनिधियों की एक नई बैठक आयोजित करने पर सहमत हुए। बैठक की सटीक तिथि कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से तय की जाएगी।
इसके अलावा, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय, अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर व्यापक और गहन विचार-विमर्श किया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए एक स्थिर, पूर्वानुमानित और सकारात्मक चीन-भारत संबंध की महत्ता पर जोर दिया।
बैठक के बाद चीन ने कहा कि वह भारत के साथ हुए समझौतों को लागू करेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि चीन ईमानदारी से मतभेदों को सुलझाने के लिए तैयार है।