पश्चिम एशिया में जारी ईरान और इज़राइल के बीच सैन्य टकराव पर आखिरकार विराम लग गया है। सोमवार देर रात ईरान के सरकारी टेलीविज़न पर युद्धविराम की घोषणा की गई, जिसे कुछ देर बाद इज़राइल ने भी स्वीकार कर लिया और युद्ध विराम पर अपनी सहमती जताई है।
सीजफायर का एलान
ईरान ने सोमवार रात आधिकारिक तौर पर घोषणा की कि वह अब इज़राइल के साथ चल रहे युद्ध में संघर्ष विराम को मानता है। ईरान के अनुसार यह फैसला किसी दबाव में नहीं लिया गया बल्कि अपने तय उद्देश्यों की पूर्ति के बाद लिया गया।
वहीं, इज़राइल ने कहा कि उसके सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ ने अपने सभी लक्ष्यों को पूरा कर लिया है और अब वह भी संघर्ष विराम के लिए तैयार है।
इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इसके लिए धन्यवाद दिया और साथ ही चेताया कि यदि सीजफायर का उल्लंघन हुआ तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि, सीजफायर लागू होने के चंद मिनट पहले और यहां तक कि सीजफायर के समय के बाद तक भी इज़राइल पर ईरानी मिसाइल हमलों की खबरें सामने आईं। बीरशेबा और अन्य इलाकों में मिसाइल गिरने से कम से कम 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
इज़रायली इमरजेंसी सेवाओं के मुताबिक, हमले में कई इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं, और स्थानीय आबादी में डर का माहौल बना हुआ है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने भी बताया कि कुछ समय के लिए एयरस्पेस को पूरी तरह बंद करना पड़ा।
ढाई घंटे बाद आईं ईरानी मिसाइलें
इस्राइल ने कहा कि उसने मंगलवार को युद्धविराम शुरू होने के दो घंटे से अधिक समय बाद ईरान की ओर से दागी गई मिसाइलों की पहचान की। इसके बाद उत्तरी इस्राइल में सायरन बजने लगे। बीरशेवा में गिरी ईरानी मिसाइल ने इमारत को नुकसान पहुंचाया और चार लोगों की मौत हो गई।
ईरान ने अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर किए हमले
सीजफायर से एक दिन पहले ईरान ने मिडिल ईस्ट के विभिन्न हिस्सों में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए थे। खासकर कतर स्थित बेस को निशाना बनाया गया, जिससे संकेत मिला कि ईरान सीधे अमेरिका के खिलाफ कोई बड़ा कदम नहीं उठाना चाहता बल्कि चुनिंदा जवाबी रणनीति पर काम कर रहा है।
इसके साथ ही आशंका जताई जा रही थी कि ईरान क्रूड ऑयल ट्रांसपोर्ट का सबसे अहम मार्ग “स्ट्रेट ऑफ होरमुज़” को बंद कर सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिससे मार्केट में राहत देखी गई।
तेल की कीमतों में गिरावट
सीजफायर के एलान के तुरंत बाद अंतरराष्ट्रीय क्रूड मार्केट में तेल की कीमतों में 6% गिरावट दर्ज की गई और कीमतें 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गईं। इससे भारत समेत कई देशों की तेल विपणन कंपनियों जैसे BPCL, HPCL और IOCL के शेयरों में तेजी देखी गई।
हालांकि सीजफायर लागू हो चुका है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि यह स्थायी समाधान नहीं है। ईरान और इज़राइल के बीच लंबे समय से चले आ रहे वैचारिक, रणनीतिक और धार्मिक मतभेद किसी भी समय फिर से युद्ध में बदल सकते हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने दोबारा अपील की है कि दोनों देश संघर्ष विराम का सम्मान करें और शांति बहाल करें।
सीजफायर से कंपनियों के शेयर उछले
मिडिल ईस्ट में ईरान-इज़राइल संघर्षविराम की घोषणा के बाद अंतरराष्ट्रीय तेल बाजारों में बड़ी राहत देखी गई है। क्रूड ऑयल की कीमतें 6% गिरकर 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे पहुंच गईं। इससे भारत की तेल विपणन कंपनियों को बड़ा फायदा हुआ। BPCL, HPCL और IOC के शेयरों में आज 3% तक की तेजी दर्ज की गई।
