उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और पौड़ी में अपनी कार्यशैली से पहचाने गए आईएएस को दो अहम विभागों का प्रभार सौंपा गया
उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और पौड़ी जैसे सीमांत और संवेदनशील जिलों में जिलाधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं देने वाले 2012 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ. आशीष चौहान को अब दो बड़े विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्हें उत्तराखंड सिविल एविएशन एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (UCADA) का सीईओ और खेल विभाग का निदेशक नियुक्त किया गया है।
यह जिम्मेदारी ऐसे समय में दी गई है जब राज्य में हेलीकॉप्टर सेवाएं और स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर दोनों ही अहम मुद्दे बने हुए हैं।
तीनों जिलों में किया जनता के हित में सदैव कार्य
उत्तरकाशी में डीएम रहते हुए आशीष चौहान ने प्रशासन और आम जनता के बीच संवाद को नया आयाम दिया। जिले को पर्यटक-अनुकूल बनाने के उनके प्रयासों की अंतरराष्ट्रीय सराहना हुई। एक स्पेनिश नागरिक ने तो अपनी मातृभूमि में एक अनाम पहाड़ी को उनके नाम पर समर्पित कर दिया। उनकी कार्यशैली, सरल स्वभाव और जनसंवेदनशीलता ने उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बनाया।
पिथौरागढ़ में जिलाधिकारी रहते हुए उन्होंने स्थानीय उत्पादों को ब्रांडिंग के जरिए बाज़ार से जोड़ा। “रिलायंस” नामक सरकारी ऑर्गेनिक ब्रांड की शुरुआत की और पहाड़ी अंजीर को राष्ट्रीय पहचान दिलाई।
इस पहल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में उदाहरण स्वरूप प्रस्तुत किया, जिससे चौहान के प्रयासों को देशभर में सराहना मिली।
पौड़ी जैसे चुनौतीपूर्ण जिले में कार्य करते हुए उन्होंने पहाड़ों के दुर्गम गांवों तक स्वयं जाकर रात में चौपाल लगाई और लोगों की समस्याएं जमीनी स्तर पर सुनीं। उनके प्रयासों का उद्देश्य यह रहा कि प्रशासनिक सुविधाएं हर अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सकें।
एक बार फिर डॉ. आशीष चौहान को UCADA की जिम्मेदारी
उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा को लेकर लगातार चर्चाएं रही हैं। ऐसे में UCADA की जिम्मेदारी एक बार फिर डॉ. आशीष चौहान को दी गई है। ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने बताया कि पिछली हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं की जांच चल रही है और वह DGCA के साथ पूरा सहयोग करेंगे। साथ ही उन्होंने भरोसा दिलाया कि उत्तराखंड में हेली सेवाओं को सुरक्षित और सुगम बनाया जाएगा।
डॉ. आशीष चौहान को खेल विभाग के निदेशक का कार्यभार भी सौंपा गया है। हाल ही में उत्तराखंड ने 38वें राष्ट्रीय खेलों की सफल मेज़बानी की थी, जिससे राज्य में खेलों का माहौल बना है। चौहान ने स्पष्ट किया कि उनकी प्राथमिकता खेल परिसरों के बेहतर उपयोग और रखरखाव पर होगी। उन्होंने कहा कि ये सुविधाएं स्थानीय खिलाड़ियों के लिए सुलभ हों और इससे राज्य का खेल स्तर ऊंचा उठे, यह उनकी मुख्य जिम्मेदारी होगी।
