नहर में कार गिरने से मासूम समेत 04 की मौत, 03 गंभीर रूप से घायल
हल्द्वानी शहर में बुधवार सुबह दर्दनाक हादसा होने की खबर सामने आई है। नगर के कोतवाली क्षेत्र में बहने वाली सिंचाई नहर में एक कार अनियंत्रित होकर गिर गई। कार में सवार 7 लोगों में महिला की जहां जान बच गई वहीं उसका तीन दिन पहले जन्मा बच्चा नहीं बच सका। उनके पति की भी मौत हो गई।
इस घटना में एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हुई है, जबकि 3 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हादसा तब हुआ जब मूसलाधार बारिश से नहरें और नाले उफान पर थे।
यह दुर्घटना न केवल मानव त्रासदी है, बल्कि शहरी आपदा प्रबंधन, जलनिकासी व्यवस्था और मौसम पूर्वानुमान तंत्र की असफलता पर भी सवाल खड़े करती है।
हादसे का घटनाक्रम
तेज बारिश के बीच, फायर ब्रिगेड दफ्तर के पीछे बहने वाली सिंचाई नहर में कार गिरते ही पलट गई और पुलिया में फंस गई। पानी का तेज़ बहाव इतना ज़्यादा था कि कार में बैठे लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिला। कार में पानी भर गया, जिससे अंदर बैठे यात्री नीचे दब गए और चार की जान चली गई। राहत और बचाव कार्य तेज़ी से किया गया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
हादसे में एक मासूम की मौत ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया है। जिस तरह कार सवारों को कोई मौका नहीं मिला, वह आपदा प्रबंधन में व्यक्तिगत सुरक्षा प्रशिक्षण और मौसम अलर्ट पर जागरूकता की कमी को उजागर करता है। अस्पताल में भर्ती घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है, और परिजनों की स्थिति अत्यंत दयनीय है।
शहरी और जल निकासी प्रणाली पर प्रश्न
हल्द्वानी जैसे शहर में नहरें और नाले खुले हुए हैं। हादसे के दौरान किसी बैरिकेडिंग या सुरक्षा दीवार की अनुपस्थिति ने दुर्घटना को और भी घातक बना दिया। ओवरफ्लो नहरें एक चेतावनी संकेत हैं, कि शहरी नियोजन में जल-प्रवाह और सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देने की जरूरत है।
