- रेलवे को 700 करोड़ की अतिरिक्त आमदनी की उम्मीद
- AC और मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के किरायों में बढ़ोतरी तय, मासिक पास और 500 किमी तक सफर करने वालों को राहत
रेल मंत्रालय एक बार फिर से यात्री किरायों में मामूली वृद्धि कर सकता है। यह बढ़ी हुई दरें 1 जुलाई 2025 से लागू हो सकती हैं। यह वृद्धि विशेष रूप से लंबी दूरी की यात्रा, मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों और एसी क्लास के टिकटों पर असर डालेगी, जबकि ऑर्डिनरी सेकंड क्लास (500 किमी तक), मासिक पास और लोकल ट्रेनों के किरायों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 500 किलोमीटर से अधिक की यात्रा पर ऑर्डिनरी सेकंड क्लास में किराया 0.005 रुपये प्रति किमी (आधा पैसा) बढ़ सकता है।
मेल/एक्सप्रेस (नॉन-एसी) ट्रेनों में यह वृद्धि 1 पैसा प्रति किलोमीटर, जबकि एसी क्लास में 2 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से की जा सकती है।
यह बदलाव भारतीय रेलवे के यात्री सेगमेंट से आमदनी बढ़ाने की योजना का हिस्सा है। अधिकारियों के अनुसार, इससे रेलवे को वित्त वर्ष 2025-26 की बची हुई अवधि में करीब 700 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी होने की उम्मीद है। अगर यह दरें पूरे वर्ष के लिए लागू होतीं तो रेलवे को 920 करोड़ रुपये से अधिक की आमदनी हो सकती थी।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया कि छोटे रूट, मासिक पास धारकों और सबअर्बन यात्रियों को किसी तरह की आर्थिक मार से बचाया जाएगा। इन यात्रियों को राहत देने के लिए ही 500 किमी तक की दूरी वाले टिकटों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।
रेलवे ने इस वित्त वर्ष में पैसेंजर सेगमेंट से 98,800 करोड़ रुपये की आय का लक्ष्य तय किया है। बीते वित्त वर्ष में इस खंड से रेलवे को 75,215 करोड़ रुपये की आमदनी हुई थी और 736 करोड़ यात्रियों ने ट्रेनों में सफर किया था। रेलवे की कुल आय का लगभग 65 प्रतिशत हिस्सा माल ढुलाई से, और करीब 30 प्रतिशत हिस्सा यात्री किरायों से आता है।
सार्वजनिक प्रतिक्रिया और बाजार पर असर
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद IRCTC के शेयरों में लगभग 2% की बढ़त दर्ज की गई। बाजार इसे रेलवे की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने वाला कदम मान रहा है। वहीं आम यात्रियों की प्रतिक्रिया मिली-जुली रही है।
कुछ का कहना है कि यदि किराए बढ़ाए जा रहे हैं, तो उसके बदले ट्रेनों की साफ-सफाई, समयबद्धता और टिकटिंग सिस्टम को बेहतर किया जाना चाहिए।
