हिमाचल में बादल फटने से तबाही

हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर एक बार फिर भयावह रूप में सामने आया है। मौसम विभाग द्वारा जारी ऑरेंज अलर्ट के बीच बुधवार को राज्य के कई हिस्सों में बादल फटने की घटनाओं ने व्यापक तबाही मचाई। कुल्लू, कांगड़ा और लाहौल-स्पीति जिलों में जलप्रलय जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं।

नदियों और खड्डों के उफान पर आने से पुल, सड़कें और बिजली परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं। प्रशासन की टीमों द्वारा राहत एवं बचाव कार्य जारी है, लेकिन दुर्गम क्षेत्र होने के कारण रेस्क्यू में भारी चुनौतियां आ रही हैं।

कुल्लू में चार जगह फटे बादल, भारी नुकसान

बुधवार को कुल्लू जिले में सैंज की जीवानाला, गड़सा के शिलागढ़, मनाली की स्नो गैलरी और बंजार के होरनगाड़ क्षेत्र में बादल फटने की घटनाएं सामने आईं। इन घटनाओं से कई स्थानों पर बाढ़ जैसे हालात बन गए, जिससे आठ वाहन बह गए और कम से कम दस पुलियां टूट गईं।

सैंज के रैला बिहाल में तीन लोगों के बहने की सूचना है। होरनगाड़ क्षेत्र में बंजार-बठाहर सड़क पर बना पुल बह गया, साथ ही एक सरकारी स्कूल में मलबा घुस गया। स्थानीय लोगों ने समय रहते बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला।

कांगड़ा जिले के धर्मशाला क्षेत्र में खनियारा की मनूणी खड्ड में बाढ़ आने से एक निर्माणाधीन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट प्रभावित हुआ है। इस परियोजना में कार्यरत 10 से अधिक मजदूरों के बहने की आशंका जताई जा रही है। राहत टीमों द्वारा अब तक दो शव बरामद किए जा चुके हैं। SDRF की टीम लगातार बचाव कार्य में जुटी हुई है। घटनास्थल पर भारी मलबा और तेज बहाव राहत कार्य में बाधा बन रहा है।

सैंज घाटी में फंसे दो हजार से अधिक पर्यटक

सैंज घाटी के शैंशर, शांघड़ और सुचैहन पंचायत क्षेत्रों में भारी बारिश के चलते मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे लगभग 2,000 से अधिक पर्यटक 150 से अधिक वाहनों के साथ फंस गए हैं। सिउंड के पास सड़क ध्वस्त हो जाने के कारण बाहरी दुनिया से संपर्क टूट गया है। पर्यटकों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रशासन वैकल्पिक मार्गों की तलाश कर रहा है।

लाहौल में भी बिगड़े हालात, 25 पर्यटक फंसे

लाहौल-स्पीति क्षेत्र में भी बारिश ने जनजीवन पर असर डाला है। जिले के कई ऊंचाई वाले इलाकों में 25 पर्यटक बर्फबारी और वर्षा के कारण फंसे हुए हैं। लगातार हो रही बारिश से सड़कें दलदल में तब्दील हो गई हैं और विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई है।

राज्यभर में कुल 171 सड़कें और 550 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हो चुके हैं। औट-बजार-सैंज राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-305) पर यातायात पूरी तरह से ठप है। गगल हवाई अड्डे पर जहां चार विमान उतरे, वहीं दिल्ली और शिमला के लिए दो उड़ानें रद्द कर दी गईं। शिमला और कुल्लू से कोई उड़ान नहीं हो सकी।

प्रशासन ने संवेदनशील क्षेत्रों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। SDRF और पुलिस बल मौके पर मौजूद हैं और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है। सियूंड में एक अस्थायी दुकान और चार मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जबकि कई गांवों में मलबा घरों में घुस गया है।

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