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सरोकारों से साक्षात्कार

हाईवे हादसों पर सुप्रीम कोर्ट का सुओ-मोटो

  • राजस्थान–तेलंगाना के भीषण हादसों में 40 मौतें
  • केंद्र–NHAI से 3 हफ्ते में जवाब तलब

राजस्थान और तेलंगाना में हुए दो बड़े सड़क हादसों में 40 लोगों की मौत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सड़क सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर नाराज़गी जताई है।

अदालत ने केंद्र सरकार, NHAI और दोनों राज्यों से पूछा है कि टोल वसूले जाने के बावजूद हाइवे की स्थिति इतनी खराब कैसे है कि लोग रोज़ जान गँवा रहे हैं।

कोर्ट ने खराब सड़कों, अवैध ढाबों और मनमानी ट्रक पार्किंग को प्रमुख कारण बताते हुए तीन सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है।

2 नवंबर को दिल्ली–अजमेर हाइवे पर अंधेरे में खड़े डम्पर से टकराकर एक भरा हुआ टेंपो चकनाचूर हो गया, जिसमें 18 लोगों की मौत हुई।

वहीं 3 नवंबर को तेलंगाना के NH–163 पर सरकारी बस और ट्रक की भिड़ंत में 20 लोग मारे गए। स्थानीय लोग इस मार्ग को लंबे समय से “डेथ कॉरिडोर” कहते रहे हैं।

“टोल वसूली जारी, सड़कें मौत दे रहीं” : सुप्रीम कोर्ट टिप्पणी

सुनवाई के दौरान जस्टिस जे.के. माहेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई ने कहा कि हाईवे की हालत बेहद खराब है। कोर्ट ने कहा कि यात्रियों से टोल लिया जाता है, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था नदारद है और सड़कों की गुणवत्ता तक सुनिश्चित नहीं की जा रही।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईवे पर अनियमित रूप से खुले ढाबे, दुकानें और बिना अनुमति ट्रकों की पार्किंग दुर्घटनाओं की बड़ी वजह हैं। रात में दृश्यता कम होने से हादसों का खतरा और बढ़ जाता है।

अदालत ने NHAI, सड़क परिवहन मंत्रालय और राजस्थान–तेलंगाना सरकारों को तीन सप्ताह के भीतर एक्शन टेकन रिपोर्ट (ATR) पेश करने का निर्देश दिया।

इसके साथ ही दोनों हाईवे का संयुक्त निरीक्षण करने के लिए तकनीकी समिति गठित करने को भी कहा गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सड़क सुरक्षा पर देरी अब संभव नहीं है। अगली सुनवाई दिसंबर के पहले सप्ताह में होगी, जिसमें केंद्र और राज्यों के जवाबों की समीक्षा की जाएगी।

https://regionalreporter.in/blaming-judges-for-not-getting-the-desired-order-is-a-dangerous-trend/
https://youtu.be/kYpAMPzRlbo?si=Agi9kk-DKQyrAjhl
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