मुख्य अतिथि नाजिम कलीम ने विधिक सहायता पर दिया व्याख्यान
विद्यार्थियों ने नाट्य प्रदर्शन तथा प्रतियोगिताओं में दिखाई प्रतिभा
रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो
‘राष्ट्रीय संविधान दिवस’ के अवसर पर डॉ. बी.जी.आर. परिसर में विधि विभाग द्वारा भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन एलएलबी के छात्र विनोद कुमार तथा एलएलएम की छात्रा हर्षिता चौहान द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पौड़ी की सचिव एवं सिविल जज (सीनियर डिवीजन) नाजिश कलीम मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं।
इस मौके पर मुख्य अतिथि ने संविधान की सर्वोच्चता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कानून का उद्देश्य केवल दंड देना नहीं, बल्कि न्याय दिलाना और अधिकारों की रक्षा करना है।
उन्होंने विद्यार्थियों को कानूनी अधिकारों के प्रति सजग रहने और न्याय प्रणाली पर विश्वास बनाए रखने का संदेश दिया।
परिसर निदेशक डॉ. यू.सी. गैरोला विशिष्ट अतिथि रहे, जबकि पूर्व निदेशक प्रभाकर बडोनी विशेष अतिथि के रूप में मंचासीन रहे।
विधि विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. रामप्रकाश की उपस्थिति में दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
एलएलबी की छात्रा आंचल द्वारा स्वागत गीत एवं नृत्य की सुंदर प्रस्तुति दी गई।
संविधान की प्रस्तावना की शपथ और बैच अलंकरण
कार्यक्रम के आरंभ में विभागाध्यक्ष द्वारा सभी को संविधान की प्रस्तावना की शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर DLSA की सचिव मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति नाज़िश कलीम, विशिष्ट अतिथि डा. यू सी गैरोला, विधि विभाग के विभागाध्यक्ष डा.रामप्रकाश, पूर्व निदेशक प्रभाकर बडोनी, विधि विभाग के सहायक प्राचार्य डा. मुकेश रावत, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के ऋषभ को शोधार्थी मोनिका, विजय साहनी, निखिल ने बैच अलंकरण कर सम्मानित किया।
विधिक जागरूकता और पोस्टर प्रदर्शनी
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विद्यार्थियों को विधिक सहायता एवं अधिकारों पर आधारित लघु फिल्म दिखाई गई। वहीं अजीम प्रेमजी फाउंडेशन द्वारा संविधान विषय पर पोस्टर प्रदर्शनी आयोजित की गई।
लोकतंत्र की आत्मा है संविधान : डा. रामप्रकाश
विधि विभागाध्यक्ष डॉ. रामप्रकाश ने कहा कि भारतीय संविधान केवल कानूनों का संकलन नहीं, बल्कि लोकतंत्र की आत्मा है। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे संविधान में निहित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व जैसे मूल्यों को अपने जीवन में उतारें और एक आदर्श नागरिक बनें।
युवाओं के आत्ममंथन का दिन है संविधान दिवस: डा. गैरोला
परिसर निदेशक डॉ. यू.सी. गैरोला ने कहा कि संविधान दिवस युवाओं के लिए आत्ममंथन का दिन है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि शिक्षा और कानून के ज्ञान से ही समाज में सकारात्मक परिवर्तन संभव है।
इस मौके पर पूर्व निदेशक प्रो.प्रभाकर बडोनी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान ने हर नागरिक को अधिकार दिए हैं, लेकिन उनके साथ कर्तव्यों का पालन भी अनिवार्य है। समाज की मजबूती नागरिकों की संवैधानिक जागरूकता पर निर्भर करती है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएँ
इस मौके पर विद्यार्थियों द्वारा नाट्य प्रस्तुति दी गई। इसके साथ निबंध, पोस्टर और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। विजेताओं को नाजिश कलीम द्वारा पुरस्कार प्रदान किए गए।
कार्यक्रम का समापन शोधार्थी निखिल द्वारा किया गया। इस अवसर पर पंकज कार्की, लोकेश कुकरेती, विजय साहनी, मोनिका भूषण एवं अन्य शिक्षक गण उपस्थित रहे।
















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