पंथ्या दादा को किया भावपूर्ण नमन
गंगा असनोड़ा
उत्तराखंड के सुमाड़ी गांव में पारंपरिक रूप से प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले
गौरा मां के वार्षिक यज्ञ के भव्य आयोजन में इस बार देश-विदेश से सुमाड़ीवासी और श्रद्धालु उमड़कर आए।
यह आयोजन सिर्फ एक पूजा नहीं, बल्कि सुमाड़ी गांव की एकता, आस्था और
अपनी जड़ों से जुड़ाव का प्रतीक बन गया। पंथ्या दादा को याद करते हुए
ग्रामवासियों ने भक्तिभाव के साथ गौरा मां का आशीर्वाद लिया।
इस मौके पर भव्य भंडारे का आयोजन भी किया गया।

आस्था और श्रद्धा का दिखा अद्भुत नज़ारा
सुबह से ही मां गौरा के परिसर में उत्साह का माहौल था।
मां के भाव के साथ, गौरा मां के पश्वा डीपी काला को सहयोगी ग्रामवासियों ने पवित्र गौराकुंड में स्नान कराया।
स्नान के बाद मां गौरा को पारंपरिक रूप से तैयार किया गया।
पंचायती मंदिर के चौक में जब ढोल-नगाड़ों का वादन प्रारंभ हुआ,
तो पश्वा के साथ ही आस्था में डूबे दर्जनों महिला-पुरुषों पर गौरा मां का भाव प्रकट होता दिखाई दिया,
जिसे देखकर श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए।

बेगार प्रथा रोकने के लिए पंथ्या दादा ने दी थी अग्निकुंड में आहूति
इस आयोजन के दौरान पंथ्या दादा (Panthya Dada) के बलिदान को विशेष रूप से याद किया गया।
सुमाड़ी के पंथ्या दादा ने मात्र 12 साल की अल्पायु में ब्रिटिश गढ़वाल के समय में जलते
अग्निकुंड में कूदकर आहूति दे दी थी, ताकि क्रूर बेगार प्रथा को रोका जा सके।
उनकी इस महान आहूति के पीछे उनकी बुआ भद्रा तथा
उनकी बेटी कीर्ति बहुगुणा ने भी जलते अग्निकुंड में कूदकर अपने प्राणों की आहूति दी थी।
इस महान त्याग के कारण ही उनके वंशज उन्हें श्रद्धापूर्वक दादा कहकर स्मरण करते हैं।

विदेशों से पहुंचे श्रद्धालु और धियाणियों में दिखा उत्साह
शनिवार को हुए इस यज्ञ आयोजन में सुमाड़ीवासियों का उत्साह देखते ही बन रहा था।
ऑस्ट्रेलिया से विशेष रूप से पहुंची रश्मि काला ने कहा कि वे प्रतिवर्ष गांव तो आती हैं,
लेकिन पूजा में वे पहली बार शामिल हुई हैं और यह अनुभव अविस्मरणीय है।

इसी तरह, शादी के बाद पहली बार पूजा में शामिल हुई वंदना बहुगुणा ने बताया कि
बचपन से लेकर विवाह तक वे हर साल पूजा में शामिल होती रहीं,
लेकिन विवाह के बाद जब वे पूजा में नहीं आ पाईं,
तो उन्हें इसका बेहद अफसोस रहा।
धियाणियों (विवाहित बेटियां) में इस पूजा को लेकर विशेष उत्साह रहता है।
मां गौरा के पावन अवसर पर भंडारा आयोजन
स्वर्गीय धर्मानन्द काला के सुपुत्र श्री विनोद काला एवं पुत्रवधु (निवासी ग्राम सुमाड़ी, पनयूं; वर्तमान निवास बैंगलोर) द्वारा मां गौरा के अवसर पर कल रात्रि भंडारे तथा आज यज्ञ भंडारे का आयोजन किया गया।
सुमाड़ी गांव के उद्योगपति और अफसर हुए शामिल
इस पावन अवसर पर सुमाड़ी गांव के कई प्रतिष्ठित चेहरे मौजूद रहे।
उद्योगपति मोहन काला, महेशचंद्र काला समेत बड़ी संख्या में सफल उद्योगपति, व्यवसायी तथा कई आला अफसर भी गौरा मां का आशीर्वाद लेने के लिए सुमाड़ी पहुंचे।


















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