पंचतत्व में विलीन हुए श्रीनगर के प्रतिष्ठित व्यापारी ओमप्रकाश अग्रवाल Srinagar’s renowned businessman Omprakash Aggarwal merge Panchatattva

सामाजिक एवं सार्वजनिक जीवन में श्रेष्ठ आदर्श प्रस्तुत कर गए स्व.अग्रवाल
गंगा असनोड़ा
श्रीनगर के वरिष्ठ प्रतिष्ठित व्यापारी ओम प्रकाश अग्रवाल पंचतत्व में विलीन हो गए। 83 वर्ष की उम्र में बीते शुक्रवार उनका निधन हो गया। सामाजिक जीवन में उनके श्रेष्ठ आदर्शों को याद करते हुए उनकी अंतिम यात्रा ससम्मान ढोल-नगाड़ों की थाप के साथ पूर्ण हुई। उनके जाने से नगर क्षेत्र में एक वरिष्ठ सामाजिक व्यक्तित्व, विवि तथा राज्य आंदोलन के अग्रणी आंदोलनकारी तथा व्यापार संघ के एक दबंग व निडर व्यापारी को श्रीनगर ने हमेशा के लिए खो दिया है। श्रीनगर के विभिन्न संगठनों, सामाजिक, राजनैतिक कार्यकर्ताओं, व्यापारियों तथा वरिष्ठ जनों ने उनके अवसान पर दुख जताते हुए श्रीनगर का एक मजबूत स्तंभ का जाना बताया है।

डेढ़ वर्ष पूर्व उनकी पत्नी का देहावसान हो गया था। वे अपने पीछे अपने व्यवसायी पुत्र प्रवीण अग्रवाल, छवि अग्रवाल तथा विवाहित बेटियों ऋतु, नीतू, अनुराधा और तरूणा अग्रवाल का भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं।

उनकी अंतिम यात्रा में पूर्व काबीना मंत्री डा.हरक सिंह रावत, व्यापार संघ के अध्यक्ष दिनेश असवाल, वासुदेव कंडारी, वरिष्ठ पत्रकार एनके खंडूड़ी, सतेंद्र मिश्रा, पूर्व पालिकाध्यक्ष कृष्णानंद मैठाणी, समाजसेवी अनिल स्वामी, सामाजिक कार्यकर्ता राजीव विश्नोई, सुरेंद्र चौहान, पूर्व पालिकाध्यक्ष मोहनलाल जैन, विपिन मैठाणी, कांग्रेस के प्रदेश महासचिव प्रदीप तिवाड़ी, जितेंद्र रावत, डा.एसपी हटवाल, गिरीश पैन्यूली, कांग्रेस नगर अध्यक्ष सूरज घिल्डियाल, एडवोकेट भूपेंद्र पुंडीर, व्यापारी सुजीत अग्रवाल, अजय गुप्ता, मुकेश अग्रवाल, डा.एसएस रावत, सुधीर उनियाल, आशुतोष बहुगुणा, डा.बीपी नैथानी, देवेंद्रमणि मिश्रा, झाबर सिंह रावत, खिलेंद्र चौधरी, बृजेश भट्ट, ओमप्रकाश गोदियाल, नवीन नैनवाल, राजेश जैन, अशोक शाह, अरविंद डुडेजा, हीरा लाल जैन, रामानंद भट्ट समेत सैंकड़ों लोग मौजूद रहे।

https://regionalreporter.in/candidates-list-of-loksabha-chunav/ व्यापारियों की शान रहे स्व.अग्रवालः राजीव विश्नोई
शहर के प्रतिष्ठित व्यापारी तथा समाज सेवी राजीव विश्नोई कहते हैं कि स्व.ओमप्रकाश अग्रवाल श्रीनगर पालिका बोर्ड के सदस्य रहे, वर्षों तक व्यापार सभा अध्यक्ष रहे, प्रदेश व्यापार सभा के उपाध्यक्ष पद को भी उन्होंने सुशोभित किया, व्यापारी नेता के रूप में उनकी छवि बड़े ही दबंग व निडर व्यापारी के रूप में रही।
व्यापारियों को परेशान करने के मामले में बिगड़ैल छात्र रहे हों या बेलगाम अधिकारी, उन्होंने कभी भी व्यापारियों पर हावी नहीं होने दिया और उनको खदेड़ कर और उनकी ही भाषा में निपटा कर ही चैन लिया। यही कारण था कि उद्दंड व असामजिक तत्वों ने कभी व्यापारियों पर हावी होने का दुस्साहस नहीं किया। श्रीनगर के विकास के मुद्दों पर भी वे सदैव मुखर रहे। वे सभी के सुख-दुःख में बड़ी आत्मीयता से शरीक होते। इसीलिए उनकी अंतिम यात्रा में आज घाट कड़ाके की सर्दी में भी सैंकड़ों लोग मौजूद थे।

श्रीनगर व्यापार सभा की नींव का पत्थर थे ओमप्रकाश अग्रवालः कृष्णानंद मैठाणी
श्रीनगर के पूर्व पालिकाध्यक्ष कृष्णानंद मैठाणी कहते हैं कि विवि आंदोलन तथा राज्य आंदोलन में शिरकत करने के साथ ही आंदोलनकारियों के लिए व्यवस्थाएं जुटाने में वे अग्रणी रहे। कई वर्षों तक रामलीला में कोषाध्यक्ष का पदभार संभाला। नगरपालिका सभासद भी रहे। जनसमस्याओं के निस्तारण में उनका योगदान अविस्मरणीय है। श्रीनगर में व्यापार सभा को खड़ा करने में वे नींव का पत्थर रहे।

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