जस्टिस संजीव खन्ना बनें देश के 51वें मुख्य न्यायाधीश

जस्टिस संजीव खन्ना सोमवार, 11 नवम्बर को देश के 51वें मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुबह 10 बजे राष्ट्रपति भवन में उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

विस्तार

संजीव खन्ना ने सोमवार को भारत के नए चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली। उन्होंने सेवानिवृत्त हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की जगह ली। केंद्र ने 16 अक्टूबर को मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ की सिफारिश के बाद 24 अक्टूबर को न्यायमूर्ति खन्ना की नियुक्ति को आधिकारिक रूप से नोटिफाई किया

शुक्रवार, 8 नवम्बर को न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ का चीफ जस्टिस के रूप में अंतिम कार्य दिवस था और उन्हें सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों, वकीलों और कर्मचारियों द्वारा भव्य विदाई दी गई

जस्टिस खन्ना छह माह संभालेंगे मुख्य न्यायाधीश की कुर्सी

दिल्ली के प्रतिष्ठित परिवार से तालुक रखने वाले जस्टिस संजीव खन्ना तीसरी पीढ़ी के वकील रहे हैं। उन्होंने न्यायाधीश बनने से पहले अपने करिअर की शुरुआत 1983 में तीस हजारी कोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस के साथ की थी। उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में भी वकालत की और अब अगले छह माह तक देश के मुख्य न्यायाधीश की कुर्सी संभालेंगे।

जस्टिस संजीव खन्ना

जस्टिस संजीव खन्ना दिल्ली के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी पूरी पढ़ाई दिल्ली से ही की है। उनका जन्म 14 मई, 1960 को हुआ था। जस्टिस खन्ना के पिता भी न्यायमूर्ति देवराज खन्ना दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए थे।

जस्टिस संजीव खन्ना की मां सरोज खन्ना दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज में हिंदी की लेक्चरर थीं। न्यायमूर्ति खन्ना ने अपनी स्कूली शिक्षा नई दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से की। स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ लॉ के कैंपस लॉ सेंटर (CLC) से कानून की पढ़ाई की।

2004 में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के स्थायी वकील (सिविल) के रूप में नियुक्ति मिली और 2005 में दिल्ली हाईकोर्ट में एडहॉक जज बने। बाद में उन्हें स्थायी जज नियुक्त कर दिया गया।

उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में अतिरिक्त लोक अभियोजक और न्याय मित्र के तौर पर कई आपराधिक मामलों में बहस भी की थी। आयकर विभाग के वरिष्ठ स्थायी वकील के तौर पर भी उनका कार्यकाल लंबा रहा। वह दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश रहे।

2019 में जस्टिस खन्ना सुप्रीम कोर्ट हुए में प्रोन्नत

जस्टिस खन्ना को 18 जनवरी 2019 को कॉलेजियम की सिफारिश पर सुप्रीम कोर्ट में एलिवेट किया गया। सुप्रीम कोर्ट आने के बाद वे 17 जून 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विस कमेटी के अध्यक्ष रहे। अभी नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी के कार्यकारी अध्यक्ष और नेशनल ज्यूडिशल एकेडमी भोपाल के गवर्निंग काउंसिल मेंबर हैं।

कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए

  • जस्टिस खन्ना जनवरी 2019 से सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में कार्यरत हैं। ईवीएम को बनाए रखने, चुनावी बॉन्ड स्कीम को खत्म करने, आर्टिकल 370 को हटाने और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने जैसे कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं।
  • 18 जनवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत किए गए जस्टिस संजीव खन्ना, हाई कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त होने से पहले थर्ड जेनरेशन वकील थे। वे लंबित मामलों को कम करने और जस्टिस डिलीवरी में तेज़ी लाने के पक्षधर रहे हैं।
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