स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के शिल्पकार का 100 वर्ष की आयु में निधन, कला जगत में शोक की लहर
प्रख्यात भारतीय मूर्तिकार राम वंजी सुतार, जिन्हें दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा
“स्टैच्यू ऑफ यूनिटी” का निर्माण करने के लिए जाना जाता है,
उनका निधन बुधवार की देर रात नोएडा स्थित अपने घर पर हो गया।
वह 100 वर्ष के थे और कुछ समय से उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे।
उनके निधन की पुष्टि उनके पुत्र अनिल राम सुतार ने की।
राम वंजी सुतार का अंतिम संस्कार नोएडा के सेक्टर-94 में किया गया,
जहाँ परिवार, मित्रों और कला जगत के लोगों ने उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी।
जिंदगी और कला की अमर विरासत
राम वंजी सुतार का जन्म 1925 में महाराष्ट्र के धुले जिले में एक साधारण परिवार में हुआ था।
कला के क्षेत्र में उन्होंने छेनी-हथौड़ी से एक अपार श्रम और समर्पण के साथ ऐसी रचनाएँ दीं,
जिन्होंने भारत को गौरवान्वित किया और विश्व स्तर पर पहचान दिलाई।
प्रमुख कृतियाँ और योगदान
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (182 मीटर) -सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा, विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति।
- महात्मा गांधी की मोनूमेंट्स– संसद भवन सहित कई प्रमुख स्थानों पर।
- भगवान शिव, छत्रपति शिवाजी और अन्य महान विभूतियों की मूर्तियाँ– देश एवं विदेश दोनों में स्थापित।
उनकी रचनाएँ भारत की सांस्कृतिक पहचान और सामूहिक स्मृति का हिस्सा बन चुकी हैं।
सम्मान और मान्यता
राम सुतार को उनकी कला के लिए उच्च सम्मान प्राप्त हुए, जिनमें शामिल हैं:
- पद्म भूषण (भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान)
- पद्म श्री
- महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार सहित
शोक और श्रद्धांजलि
उनके निधन पर देशभर में कला और संस्कृति जगत में शोक की लहर दौड़ी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई गणमान्य हस्तियों ने उनके निधन पर संवेदना व्यक्त की
और कहा कि उनकी कला ने भारत को अमर स्मारकों की सौगात दी है।
















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