BLO मौतों के बीच डांस क्लिप पर भड़का सोशल मीडिया
SIR वर्क प्रेशर के खिलाफ गुस्सा, चुनाव आयोग पर असंवेदनशीलता के आरोप
चुनाव आयोग (ECI) द्वारा जारी किया गया एक वीडियो सोशल मीडिया पर भारी विवाद में घिर गया है।
वीडियो में बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) डांस करते हुए नजर आ रहे हैं, जिसे आयोग ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के वर्क प्रेशर को कम करने की पहल के तौर पर प्रचारित किया है।
लेकिन इस पहल को लेकर लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है और आयोग पर “संवेदनहीनता” के आरोप लग रहे हैं।
क्या है “SIR Joyathon”
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रविवार शाम चुनाव आयोग ने X (पूर्व ट्विटर) पर एक वीडियो साझा किया।
इसमें केरल के BLO एक डांस इंस्ट्रक्टर के साथ “बुगी-बुगी” गाने पर थिरकते दिख रहे हैं। आयोग ने इस अभियान को “SIR Joyathon” नाम दिया है।
वीडियो के अनुसार, अधिकारी “50 मिनट काम और 10 मिनट मज़ा” मॉडल पर काम कर रहे हैं, जिसमें डांस, जुम्बा, मिमिक्री और स्ट्रेचिंग जैसी गतिविधियां शामिल हैं।
यह अभियान 29 और 30 नवंबर को आयोजित किया गया, जिसमें चीफ IAS और इलेक्टोरल ऑफिसर रतन यू केलकर और तिरुवनंतपुरम की डीएम अनु कुमारी भी शामिल रहीं।

जनता का आक्रोश: ‘मौतों के बीच डांस का तमाशा!’
वीडियो सामने आने के बाद आयोग की यह पहल कई लोगों को नागवार गुज़री। सोशल मीडिया यूजर्स ने लिखा कि जिस समय BLO कथित तौर पर काम के बोझ से दम तोड़ रहे हैं, उस समय इस तरह के वीडियो साझा करना बेहद असंवेदनशील है।
एक यूज़र ने लिखा: “इतने BLO आत्महत्या कर रहे हैं और आप डांस वीडियो पोस्ट कर रहे हैं?”
एक अन्य ने टिप्पणी की: “यह BLO की मौतों का मज़ाक है। अगर ब्रेक भी दे रहे हैं तो उसे प्रचारित क्यों? यह बेहद शर्मनाक है।”
SIR वर्कलोड और मौतों के दावे
गौरतलब है कि SIR अभियान के तहत BLO को घर-घर जाकर वोटर डेटा अपडेट करना होता है। एक BLO पर अक्सर 1,000 से अधिक मतदाताओं की जिम्मेदारी होती है, वह भी अपने नियमित सरकारी कामों के साथ।
इसी बीच, विभिन्न राज्यों से BLO की मौतों की खबरें सामने आई हैं।
- अब तक 10 से अधिक मौतों की रिपोर्ट सामने आ चुकी है
- कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने राज्यसभा में दावा किया कि 20 से ज्यादा BLO काम के दबाव में जान गंवा चुके हैं
कई मामलों में दिल का दौरा और मानसिक तनाव की आशंका जताई गई है।
चुनाव आयोग का पक्ष
चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि
राजनीतिक उद्देश्य से “बढ़ा-चढ़ाकर और भ्रामक दावे” किए जा रहे हैं।
आयोग ने BLO की आत्महत्या और अल्पसंख्यक समुदायों में तनाव संबंधी रिपोर्ट्स को भी झूठा करार दिया है।
















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