- महापौर आरती भण्डारी ने दी इस्तीफे की चेतावनी
- कहा- किसी के इशारे पर हो रहा है विकास कार्य बाधित
- 88 लाख के प्रस्ताव अटके
शनिवार, 03 मई को नगर निगम सभागार में बोर्ड बैठक थी आयोजित की गई थी जिसमें की बजट प्रस्तावों पर चर्चा कर मुहर लगनी थी। लेकिन बैठक में नगर आयुक्त नुपूर वर्मा की अनुपस्थिति के कारण बोर्ड बैठक को रद्द करना पड़ा।
महापौर का कहना है कि नगर निगम और उनके द्वारा नगर आयुक्त को कॉल किया किया गया लेकिन उन्हें कोई भी उत्तर नहीं दिया गया।
महापौर आरती भण्डारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि, उनके कार्यों में लगातार बाधाएँ उत्पन्न की जा रही हैं। उनका नामांकन रद्द कराने से लेकर साथ ही नगर निगम के विकास कार्यों, जैसे स्वच्छता, अतिक्रमण हटाना और गौवंशों की देखरेख में जानबूझकर रुकावटें डाली जा रही हैं।

महापौर ने यह भी आरोप लगाया कि यह सब कुछ कुछ ‘चहेतों’ लोगों के समर्थन से यह सब किया जा रहा है और यदि प्रशासन किसी अन्य को ही महापौर बनाना चाहता है तो स्पष्ट रूप से बता दे। इस प्रकार के अवरूद्ध से नगर निगम की कार्यप्रणाली में महिला विरोधी सोच झलकती है, जिससे उन्हें व्यक्तिगत और प्रशासनिक स्तर पर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
बता दें कि, इससे पूर्व भी नगर निगम बोर्ड की बैठक आयोजित की गई थी जिसमें नगर आयुक्त की असहमति पर नगर पार्षदों ने अपनी नाराजगी जताई थी और वे बीच में ही नाराज होकर चले गए थे। इस प्रकरण से अब 88 लाख तक के सारे प्रस्ताव लटक चुके हैं।