केदारघाटी सहित अन्य हिमालयी क्षेत्रों में शीतलहर

केदार घाटी के हिमालयी क्षेत्रो में बर्फबारी होने तथा निचले क्षेत्रों में सर्द हवाओं के चलने से सम्पूर्ण केदार घाटी शीतलहर की चपेट में आ गयी है।

केदार घाटी का सम्पूर्ण भू-भाग शीतलहर की चपेट में आने से ग्रामीण घरों में कैद होने के लिए विवश हो गये है तथा मुख्य बाजारों में लोग अलाव के सहारे दिन गुजारने गये है।

आने वाले दिनों में यदि मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहा तो केदारनाथ, मदमहेश्वर, तुंगनाथ धामों में मौसम की दूसरी बर्फबारी होने की सम्भावना बनी हुई है।

तुंगनाथ घाटी में यदि मौसम के अनुकूल बर्फबारी होती है तो नये साल के जश्न में तुंगनाथ घाटी पर्यटकों व सैलानियों से गुलजार हो सकती है तथा तुंगनाथ घाटी के तीर्थाटन-पर्यटन व्यवसाय में भारी इजाफा हो सकता है।

बता दें कि, केदार घाटी में रविवार रात से ही मौसम ने करवट बदल दी थी। सोमवार सुबह से ही सर्द हवाओं के चलने से तापमान में भारी गिरावट महसूस होने लगी थी।

आने वाले कुछ घन्टों में यदि मौसम के मिजाज इसी प्रकार रहे तो त्रियुगीनारायण, गौरीकुण्ड, चौमासी, गौण्डार, रासी, गडगू, देवरियाताल, कार्तिक स्वामी, मोहनखाल में जमकर बर्फबारी की सम्भावना बनी हुई है।

व्यापार संघ चोपता अध्यक्ष भूपेन्द्र मैठाणी ने बताया कि, यदि आने वाले कुछ घन्टो में मौसम के मिजाज इसी प्रकार रहे तो तुंगनाथ घाटी में मौसम के अनुकूल बर्फबारी हो सकती है तथा तुंगनाथ घाटी में मौसम के अनुकूल बर्फबारी होने से पर्यटकों व सैलानियों की आवाजाही में भारी वृद्धि हो सकती है।

मदमहेश्वर घाटी गैड़ बष्टी के काश्तकार बलबीर राणा ने बताया कि यदि निचले भूभाग में मौसम के अनुकूल बारिश होती है तो काश्तकारों की फसलों सहित प्रकृति में नव ऊर्जा का संचार होने के साथ प्राकृतिक जल स्रोतो के जल स्तर में भी वृद्धि हो सकती है।

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लक्ष्मण सिंह नेगी
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