भारतीय ग्रैंडमास्टर आर वैशाली ने मंगलवार को विश्व ब्लिट्ज शतरंज चैम्पियनशिप में महिला क्वालीफायर जीतकर क्वार्टर फाइनल में बनाई जबकि हाल में रेपिड विश्व चैंपियन बनीं कोनेरू हंपी टूर्नामेंट से बाहर हो गईं।
स्वर्ण पदक और 60000 डॉलर पुरस्कार जीतने वाली हंपी के शानदार प्रदर्शन के बाद वैशाली ने अपने खेल से प्रशंसकों का दिल जीता । उन्होंने महिला वर्ग में 11 में से 9.5 अंक लेकर बाजी मारी ।
वैशाली ने कहा, ‘‘मैं आज के प्रदर्शन से बहुत खुश हूं। कल बड़ा दिन होगा। ईमानदारी से कहूं तो यह (प्रदर्शन) पूरी तरह से अप्रत्याशित था। मुझे आज जैसे नतीजे की उम्मीद नहीं थी। कल मुझे तैयार रहना है और अच्छी तैयारी करनी है और फिर देखना है।’’
रूस की कैटरीना लागनो उनके करीब पहुंची जिनके 8.5 अंक रहे जबकि बाकी छह क्वालीफायर के आठ अंक रहे। हंपी सबसे खराब टाइब्रेकर के कारण नौवें स्थान पर रहकर बाहर हो गई।
वैशाली ने जॉर्जिया की ग्रैंडमास्टर नाना जागनिजे और रूस की वालेंटिना गुनिना को हराया। तेइस वर्षीय भारतीय खिलाड़ी गुनिना के खिलाफ समय के अत्यधिक दबाव में थी और उन्हें काफी जल्दी 23 चाल चलनी पड़ीं।
वैशाली के पास अपनी 23 चाल में से प्रत्येक के लिए लगभग सात सेकेंड का समय था।उन्होंने कहा, ‘आपके पास सोचने का समय नहीं था, आप अपनी चालें चलते रहते हैं। उस बाजी में (मेरे द्वारा) समय प्रबंधन बहुत खराब था।
वह (प्रतिद्वंद्वी) घड़ी और बोर्ड पर आगे थी, उसके पास एक प्यादा अधिक था लेकिन मैं खेलती रही।’ उन्होंने कहा, ‘अंत में मैंने ड्रॉ की पेशकश की। मुझे लगता है कि वह खेलना चाहती थी लेकिन इसके बाद समय उसके हाथ से निकल गया और इस तरह मैंने बाजी जीत ली।
’वैशाली ने कहा कि ब्लिट्ज में उनसे अधिक मजबूत खिलाड़ी थे और वह भाग्यशाली रहीं कि एक अंक की बढत बना पाई। उन्होंने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो मुझे नहीं लगता कि मैं एक बेहतरीन ब्लिट्ज खिलाड़ी हूं। यहां कई और मजबूत खिलाड़ी हैं।
मुझे लगता है कि आज मैं कई बाजियों में भाग्यशाली रही और यह काम कर गया।’ नॉकआउट दौर के बारे में वैशाली ने कहा, ‘मैंने इसके बारे में बिल्कुल नहीं सोचा है। पिछले कुछ दिनों से मैं बीमार हूं, बाहर अधिक नहीं गई हूं।’