डिजिटल भुगतान से यात्रा होगी सुगम और सुरक्षित
चारधाम यात्रा 2024 की सफलता के बाद आयोजित समीक्षा बैठक में बदरीनाथ के थानाध्यक्ष ने एक बड़ी समस्या की ओर ध्यान दिलाया—मैनुअल टोल वसूली से ट्रैफिक जाम और समय की बर्बादी।
थानाध्यक्ष ने सुझाव दिया कि इको टोल शुल्क को फास्टैग के माध्यम से वसूला जाए, जैसा कि नेशनल हाईवे पर होता है। डीएम और एसपी ने इस सुझाव पर तुरंत एक्शन लिया और प्रक्रिया को गति दी।
नगर पंचायत बदरीनाथ ने डीएम कार्यालय के माध्यम से एनएचएआई से मंजूरी प्राप्त की। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद ‘पार्क प्लस’ कंपनी को डिजिटल शुल्क प्रणाली लागू करने का कार्य सौंपा गया।
2025 की यात्रा के शुरू होते ही पार्क प्लस ने कठिन मौसम और ऊंचाई की चुनौतियों के बावजूद टोल बैरियर स्थापित कर दिया। यह बैरियर समुद्रतल से करीब 10,000 फीट की ऊंचाई पर है, जिससे यह देश का सबसे ऊँचा ईको टोल बैरियर बन गया है।
अब यात्रियों को नकद भुगतान की जरूरत नहीं — फास्टैग से शुल्क स्वतः कट जाएगा। इससे लंबी कतारों और ट्रैफिक की समस्या समाप्त हुई, साथ ही भुगतान प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की संभावना भी कम हुई।
प्रशासन की डिजिटल सोच को सराहना
डीएम संदीप तिवारी और एसपी सर्वेश पंवार की इस पहल को जनता, स्थानीय प्रशासन और तीर्थयात्रियों द्वारा एक आधुनिक और दूरदर्शी कदम माना जा रहा है। यह व्यवस्था आने वाले वर्षों की स्मार्ट यात्रा प्रणाली की नींव है।
