लक्ष्मण सिंह नेगी
ऊखीमठ-गुप्तकाशी-छेनागाड-बसुकेदार मोटर मार्ग पर लम्बगौणी-नागजनई के मध्य मोटर मार्ग का पुस्ता ढहने से मोटर मार्ग पर बडे़ वाहनों की आवाजाही ठप हो गयी है तथा गुप्तकाशी से रूद्रप्रयाग जाने वाले बडे वाहनों की आवाजाही विद्यापीठ-चुन्नी बैण्ड से होने के कारण घन्टो जाम लगना आम बात हो गयी है जिससे तीर्थ यात्रियों व स्थानीय लोगों को मंजिल तक पहुंचने में घन्टो का समय लग रहा है। मोटर मार्ग पर पुस्ता ढहने से हरिद्वार, देहरादून-गुप्तकाशी-नागजनई बस सेवा भी प्रभावित होने से जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बता दे कि दो माह पूर्व रूद्रप्रयाग-गौरीकुण्ड नेशनल हाईवे पर कुण्ड में मन्दाकिनी नदी पर बने पुल के निचले हिस्से में भूकटाव होने के कारण स्थानीय प्रशासन ने पुल पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी थी। विगत दिनों नेशनल हाईवे द्वारा पुल के नीचे भूकटाव वाले स्थान का ट्रीटमेंट करने के बाद कुण्ड में मन्दाकिनी नदी पर बने पुल पर छोटे वाहनों की आवाजाही सुचारू तो हो पायी थी मगर बडे़ वाहनों की आवाजाही गुप्तकाशी-नागजनई-गिवाडी गाव से जारी थी।

विगत दिनों गुप्तकाशी-छेनागाड-बसुकेदार मोटर मार्ग पर लम्बगौणी-नागजनई के मध्य मोटर मार्ग का पुस्ता ढहने से मोटर मार्ग पर बडे़ वाहनों की आवाजाही ठप होने से तीर्थ यात्रियों व स्थानीय जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
मोटर मार्ग का पुस्ता ढहने के कारण गुप्तकाशी से नागजनई होते हुए गिवाडी गांव पहुंचने वाले बडे़ वाहनों की आवाजाही विद्यापीठ-चुन्नी बैण्ड से होने के कारण मोटर मार्ग पर घन्टों जाम लगने से तीर्थ यात्रियों व स्थानीय जनता को मंजिल तक पहुंचने में घन्टो का समय लग रहा है।
सामाजिक कार्यकर्ता महेश बगवाडी ने बताया कि गुप्तकाशी-छेनागाड-बसुकेदार मोटर मार्ग पर लम्बगौणी-नागजनई के मध्य मोटर मार्ग का पुस्ता ढहने से मोटर मार्ग पर बडे़ वाहनों की आवाजाही ठप होने से स्थानीय जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है उन्होंने कहा कि देहरादून तथा हरिद्वार-गुप्तकाशी-नागजनई बस सेवायें भी बाधित है तथा गुप्तकाशी में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययनरत नागजनई के नौनिहालों को उक्त स्थल तक सफर पैदल तय करना पड़ रहा है।
वही दूसरी ओर लोक निर्माण विभाग के ए ई अनुज भारद्वाज ने बताया कि पांच दिन पूर्व मोटर मार्ग पर पुस्ता ढहने से बडे़ वाहनों की आवाजाही ठप हो गयी है। उन्होंने बताया कि पुस्ता ढहने के बाद भी बडे़ वाहनों की आवाजाही के लिए प्राप्त जगह तो है मगर मोटर के ऊपरी हिस्से की चट्टान में वाहनों के टकराने की सम्भावना बनी हुई है तथा एक सप्ताह के अन्तर्गत बडे़ वाहनों की आवाजाही के प्रयास किये जा रहे हैं।