अलविदाशुक्ली रावत मैडम : एक शख्सियत Goodbye Shukla Rawat Madam: A Personality

हिमांशु बहुगुण

मंगलवार दोपहर शुक्ली रावत मैडम का निधन हो गया । श्रीनगर जीजीआईसी में कई वर्षों तक अध्यापन करने वाली रावत मैडम आज इस दुनिया से विदा हो गई। रावत मैडम श्रीनगर में अपने कठोर अनुशासन के लिए जानी जाती हैं। उनकी पढ़ाई हुई छात्राएं आज भी स्कूल के दिनों को याद कर उनके नाम से सिहर जाती हैं। जीजीआईसी में वह अंग्रेजी की अध्यापक थी। उनके पढ़ाए बच्चों में ऐसे भी हैं जिनकी मां और बेटी दोनों उनके स्टूडेंट रहे हैं। हमने जब से होश संभाला तब से उन्हें देखा है। उन्होंने हमें अपने बच्चों की तरह प्यार किया। लगभग 1990-91 में सेवानिवृत होने के बाद भी वह श्रीनगर में रही और 2015 में स्वास्थ्य में थोड़ा गिरावट आने पर ही वह अपने छोटे भाई के घर देहरादून रहने आई। अब जब वह 90 वर्ष की हो गई थी तो याददाश्त चली गई थी। यहां तक कि अपने भाई भाभी को भी नही पहचानती थी, हालांकि शारीरिक रूप से स्वस्थ थी। उनको बस एक ही बात याद थी श्रीनगर। जो भी उनसे मिलने जाता कहती थी मेरे श्रीनगर से हो तुम। https://regionalreporter.in/list-of-bjp-candidates-from-up-released/

श्रीनगर से उनको बहुत प्यार था और वो वहां से कहीं नहीं जाना चाहती थी लेकिन स्वास्थ्य मजबूरियों के चलते उनको देहरादून आना पड़ा। वो हम सबको छोड़कर चली गई। ये खबर सुनकर प्रत्येक श्रीनगरवासी और उनकी हजारों छात्राओं को उनके नही होने की खबर पुराने दिनों की याद जरूर दिलाएगी।

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