बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर लगेगा पांच हजार रुपये का अर्थदंड
ग्राम पंचायत कांडा-भरदार के ग्रामीणों ने फेरी करने वाले और बाहरी लोगों का गांव में किया प्रवेश वर्जित
उत्तराखंड में इन दिनों गांवों में बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित कर दिया है। ऐसे ही रूद्रप्रयाग जिले के तिलवाड़ा में जखोली ब्लॉक के ग्राम पंचायत कांडा-भरदार के ग्रामीणों ने फेरी करने वाले और बाहरी लोगों के गांव में प्रवेश पर रोक लगाने का फैसला लिया है। इस संबंध में गांव की सीमा में तीन अलग-अलग स्थानों पर सूचना बोर्ड भी लगा दिए हैं। ग्राम पंचायत मेदनपुर ने भी बाहरी लोगों के गांव में प्रवेश पर रोक लगा दी है।
ग्राम प्रधान अमित रावत ने बताया कि यह निर्णय ग्रामीणों की सहमति से लिया गया है। उन्होंने कहा कि पहाड़ में घटनाओं को देखते हुए यह जरूरी था। यदि कोई फेरी वाला या बाहरी व्यक्ति गांव में घूमता पाया गया, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उसे पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी भुगतना होगा।
पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध घिल्डियाल ने इस पहल की पुष्टि करते हुए कहा कि ग्राम पंचायत अपने सीमा क्षेत्र में बाहरी लोगों के प्रवेश को वर्जित करने के लिए स्वतंत्र है। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि किसी धर्म विशेष या जाति, समुदाय को लक्षित कर कोई भी बोर्ड लगाना गैरकानूनी है, और ऐसे मामलों में कार्रवाई की जाएगी।
पांच हजार रुपये लगेगा जुर्माना
बीते दिनों पहाड़ के अलग-अलग कस्बों में घटित घटनाओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। जो भी फेरी वाला या अन्य बाहरी गांव में घूमता पाया जाएगा, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया जाएगा।
सितंबर माह में केदारघाटी के कई गांवों में बाहरी लोगों, खासकर फेरी वालों और रोहिंग्या प्रवासियों के गांव में व्यापार करने पर रोक लगाई गई थी। इन गांवों की सीमाओं पर पहले ही सूचना पट्ट लगाए गए थे, लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप के बाद आपत्तिजनक बोर्ड हटा दिए गए थे। अब, कांडा-भरदार में बाहरी और फेरी वालों के प्रवेश पर सख्त नियंत्रण लागू किया गया है।