इजरायल का ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’
12 जून की रात इजरायल ने ईरान के खिलाफ बड़ा सैन्य अभियान शुरू किया जिसे ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ नाम दिया गया। इस अभियान में करीब 200 फाइटर जेट्स शामिल हुए, जिन्होंने ईरान के इस्फहान, करमानशाह और बंदर अब्बास क्षेत्रों में 100 से अधिक सैन्य और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। इस हमले में ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख हुसैन सलामी समेत कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मारे गए।
ईरान की जवाबी कार्रवाई: ऑपरेशन ‘ट्रू प्रॉमिस 3’
13 और 14 जून की दरम्यानी रात को ईरान ने ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3’ नामक जवाबी हमला किया। इस ऑपरेशन में 150 से अधिक बैलिस्टिक और क्रूज़ मिसाइलें इजरायल के तेल अवीव और यरुशलम पर दागी गईं। ईरान ने शाहेद-136 ड्रोन और फतेह-110 मिसाइलों का इस्तेमाल किया। मिसाइलों का एक बड़ा हिस्सा आयरन डोम द्वारा इंटरसेप्ट कर लिया गया, लेकिन कुछ मिसाइलें निशाने तक पहुंचने में सफल रहीं।
मानवीय नुकसान और संरचनात्मक क्षति
तेल अवीव में एक रिहायशी इमारत पर मिसाइल गिरने से भारी क्षति हुई। हमले में एक किशोर, एक बुजुर्ग महिला और एक विदेशी नागरिक की मौत हो गई, जबकि 64 लोग घायल हुए, जिनमें अधिकतर को हल्की चोटें आईं। यरुशलम और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में लोगों को बंकरों में भेजा गया और सभी शैक्षिक व सार्वजनिक संस्थानों को बंद कर दिया गया।
इजरायल की नई जवाबी रणनीति
ईरानी हमले के कुछ ही घंटों बाद इजरायल ने फिर से जवाबी कार्रवाई की और इस्फहान पर मिसाइलें दागीं। रिपोर्ट के अनुसार, हमलों का निशाना ईरान के वैज्ञानिक और रणनीतिक प्रतिष्ठान थे। ईरानी एयर डिफेंस सिस्टम सक्रिय हुआ, लेकिन कई मिसाइलें अपने लक्ष्यों तक पहुंच गईं।
