राज्य गठन के 23 साल बाद भी काश्तकारों की परेशानी जस की तस
महीपाल नेगी
टिहरी जिले के मंदार गांव की खेती के चर्चे मैं पहले भी कर चुका हूं। लहसुन, आलू, चौलाई मंडुआ, झंगोरा और दूध – दही …. क्या नहीं होता है, इस गांव में।
इस बार खूब चर्चा में लहसुन आ गई है। लहसुन खरीदने ट्रक लेकर रिलायंस पहुंच गया गांव में। गांव के बारे में बताने के लिए बहुत कुछ है। विस्तार से फ़िर कभी बताऊंगा।
लेकिन आज यह तो बता ही देता हूं कि गांव वाले लगातार कोल्ड स्टोरेज बनाने की मांग करते रहे हैं। उद्यान विभाग को प्रस्ताव भी दिए, लेकिन ढाक के तीन पात।
यहां की लहसुन और आलू पारम्परिक बीजों से पूरी तरह से जैविक उगाये जाते हैं। करीब 500 परिवार अपनी ज़रूरत के लिए रख लेने के बाद लगभग 10 से 12 टन लहसुन और 25 से 30 टन तक आलू खरीद के लिए उपलब्ध रहता है। और भी कई फसलें होती हैं। आस – पास के अन्य गांव में भी कुछ न कुछ खेती होती है। इसलिए एक कोल्ड स्टोरेज बनाने की मांग होती है।
इस बार अधिकांश लहसुन रिलायंस खरीद रहा है। प्रति किलो 100 रुपए। कुछ माह बाद यह लहसुन ऑन लाइन 400 से 500 रुपए प्रति किलो तक बिकेगी। कोल्ड स्टोरेज गांव में होता, तो कुछ माह बाद 150 से 200 रुपए किलो बिकती।
गांव के पूर्व बीडीसी सदस्य विजयपाल रावत बताते हैं कि कोल्ड स्टोरेज बन जाए, तो गांव वालों को तो अच्छी रकम मिलेगी ही, टिहरी जिले के लोगों को भी इसका लाभ होता। गांव में फसलों की उत्पादन क्षमता अभी और भी बढ़ाई जा सकती है …….
तो बना दो न सरकार कोल्ड स्टोरेज ! सहकारिता से भी तो बनवा सकते हैं।