अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्य पूर्व में दूत स्टीवन विटकॉफ ने शुक्रवार को कहा कि यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने मोटे तौर पर स्वीकार कर लिया है कि यूक्रेन नाटो में शामिल नहीं हो पाएगा।
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अमेरिकी पत्रकार टकर कार्लसन के साथ एक इंटरव्यू में विटकॉफ ने कहा कि जेलेंस्की और यूक्रेनी राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख एंड्री यरमक ने ‘काफी हद तक स्वीकार कर लिया है कि वे नाटो के सदस्य नहीं बनने जा रहे हैं।’
विटॉफ ने कहा, यदि कोई शांति समझौता होने जा रहा है, तो यूक्रेन नाटो का सदस्य नहीं हो सकता। मुझे लगता है कि यह बात काफी हद तक स्वीकार्य है।
उन्होंने यह भी दावा किया कि यूक्रेनी नेतृत्व ने चुनाव कराने पर सहमति जताई है, लेकिन उन्होंने कोई ब्यौरा नहीं दिया।
कार्लसन के यह पूछने पर कि क्या यूक्रेन में चुनाव होंगे विटकॉफ ने कहा, हां। होंगे। वे इसके लिए सहमत हो गए हैं। यूक्रेन में चुनाव होंगे। राष्ट्रपति चुनाव 2024 में होने की उम्मीद थी, लेकिन देश के मार्शल लॉ के कारण इसे स्थगित कर दिया गया, जो रूस के साथ चल रहे संघर्ष की शुरुआत से ही लागू है।
एक महीने पहले, ट्रंप ने जेलेस्की को बिना चुनाव वाला तानाशाह करार दिया था। इससे पहले बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने यूक्रेनी समकक्ष योलोदिमिर जेलेस्की के साथ एक घंटे तक फोन पर बहुत अच्छी बातचीत की।
जेलेस्की ने बाद में कहा कि उनका मानना है कि ट्रंप के नेतृत्व में इस साल स्थाई शांति हासिल की जा सकती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक व्हाइट हाउस ने कहा कि यूक्रेन के परमाणु ऊजी संयंत्रों पर संभावित अमेरिकी स्वामित्व पर भी चची की गई।
हालांकि बाद में जेलेंस्की ने कहा कि यह केवल रूस के कब्जे वाले जापोरिज्जिया प्लांट के बारे में था। कॉल का लहजा पिछले महीने अलग लगता है, जब युक्रेनी राष्ट्रपति की व्हाइट हाउस में प्रेसिडेंट ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के साथ तीखी बहस हुई थी।
बुधवार को पहली बार दोनों नेताओं ने ओवल ऑफिस में हुई बैठक के बाद बात की। हालांकि तब से, दोनों देशों की टीमें सऊदी अरब में मिल चुकी हैं और प्रस्तावित 30-दिवसीय युद्ध विराम पर बातचीत कर चुकी हैं।
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