पतंजलि के 14 प्रोडक्ट्स के मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस सस्पेंड
रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो
मंगलवार, 9 जुलाई 2024 को बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने मार्केट से अपने 14 प्रोडक्ट्स को हटाते हुए बिक्री पर रोक लगा दी है। बता दें कि इससे पहले उत्तराखंड के राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने इन प्रोडक्ट्स के मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस रद्द कर दिए थे।
इन लाइसेंस को Drugs and Magic Remedies (आपत्तिजनक विज्ञापन) Act, 1954 के तहत ‘बार-बार उल्लंघन’ करने के चलते रद्द किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने की है। इस मामले की अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी। बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद द्वारा भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित और प्रचारित करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को कार्रवाई नहीं करने के लिए बीते अप्रैल में सुनवाई के दौरान फटकार लगाई थी।
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद आनन-फानन में उत्तराखंड सरकार ने पतंजलि की दिव्य फार्मेसी कंपनी के 14 प्रोडक्ट्स पर बैन लगा दिया था। दिव्य फार्मेसी के इन प्रोडक्ट्स पर भ्रामक विज्ञापन मामले में बैन लगाया गया था। यह बैन 29 अप्रैल को लगाया गया था।
पतंजलि के दिव्य फार्मेंसी के 14 प्रोडक्ट्स बैन
- दृष्टि आई ड्रॉप
- श्वासारि गोल्ड
- श्वासारि वटी
- दिव्य ब्रोंकोम
- श्वासारि प्रवाही
- श्वासारि अवलेह
- मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पॉवर
- लिपिडोम
- बीपी ग्रिट
- मधुग्रिट
- मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पॉवर
- लिवामृत एडवांस
- लिवोग्रिट
- आईग्रिट गोल्ड
लाइसेंस रद्द होने के बाद 5,606 फ्रेंचाइजी स्टोर्स से 14 प्रोडक्ट्स हटाया गया है। इसी के साथ मीडिया प्लेटफार्म से भी विज्ञापन हटा लिया गया है।
सुनवाई के दौरान बेंच ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को दो सप्ताह के भीतर एक एफिडेविट दायर करने का निर्देश दिया है। एफिडेविट में यह बताना है कि क्या सोशल मीडिया को-आर्डिनेटर्स ने इन प्रोडक्ट्स के विज्ञापन हटाने के उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया है, क्या विज्ञापन वापस ले लिए गए हैं।