उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने संगठन के शीर्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। मार्च 2018 से बेरोजगार युवाओं के हक की आवाज़ बुलंद करने वाले पंवार ने अपने सात वर्षों के संघर्ष और उपलब्धियों को साझा करते हुए कहा कि यह सफर केवल उनका नहीं, बल्कि पूरी टीम का सामूहिक प्रयास था।
उन्होंने कहा कि वह संगठन से अलग हो रहे हैं, लेकिन युवाओं के हक की लड़ाई आगे भी जारी रहेगी।
संघर्ष से नेतृत्व तक: बॉबी पंवार की यात्रा
बॉबी पंवार का नाम उत्तराखंड में युवाओं के हक की लड़ाई के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। 2018 से उन्होंने उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष पद पर रहते हुए शिक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता, रोजगार अवसरों की उपलब्धता और भर्ती परीक्षाओं में नकल जैसे गंभीर मुद्दों को लेकर लगातार आंदोलन चलाए।
बॉबी पंवार ने कहा कि संघर्ष की हर घड़ी में उन्हें उत्तराखंड बेरोजगार संघ के युवाओं का साथ मिलता रहा है। कई बार उन्होंने सड़कों पर उतरकर सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध दर्ज कराया और युवाओं की आवाज़ को मुखर किया।
संगठन की उपलब्धियाँ
अपने इस्तीफे की घोषणा के दौरान पंवार ने उत्तराखंड बेरोजगार संघ की प्रमुख उपलब्धियों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि—
- हज़ारों युवाओं को मिला रोजगार: आंदोलन और दबाव के चलते कई लंबित भर्तियों की प्रक्रिया शुरू हुई, जिससे युवाओं को नौकरी के अवसर प्राप्त हुए।
- नकल माफिया के खिलाफ कार्रवाई: संघ के निरंतर प्रयासों से उत्तराखंड में नकल गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई हुई और कई माफिया सलाखों के पीछे पहुंचे।
- पारदर्शी परीक्षा प्रणाली: उत्तराखंड की भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आयोगों पर जनदबाव बनाया गया, जिससे अब परीक्षा प्रक्रिया में पहले की अपेक्षा अधिक निष्पक्षता आई है।
- नकल विरोधी कानून लागू: सरकार को मजबूरी में प्रदेश में नकल विरोधी कानून लागू करना पड़ा, जो एक ऐतिहासिक कदम रहा। हालांकि इसके लिए बॉबी पंवार को लगभग डेढ़ दर्जन कानूनी मुकदमों का भी सामना करना पड़ा।
बॉबी पंवार ने इस वजह से दिया अध्यक्ष पद से इस्तीफा
बॉबी पंवार ने कहा कि उत्तराखंड बेरोजगार संघ एक गैर राजनीतिक संगठन है और आगे भी गैर राजनीतिक संगठन के रूप में ही प्रदेश के बेरोजगारों से जुड़े मुद्दों को मुखरता से उठाता रहेगा इसलिए उन्हें अब पद पर बने रहना सही नहीं लग रहा है, इसीलिए उन्होंने अपने पद से आज इस्तीफा दे दिया है।
पंवार ने कहा जल्द ही बेरोजगार संघ की पूरी टीम खुद आगे की रणनीति तैयार कर नए दायित्वों की जिम्मेदारी अन्य युवाओं को सौंपेगी।
पंवार ने युवाओं से आह्वान किया कि वे संघर्ष की भावना को जीवित रखें और व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार जागरूक बने रहें। उन्होंने कहा, “हमारा संघर्ष किसी पद के लिए नहीं था, बल्कि वह एक विचार और लक्ष्य था, और वह जारी रहेगा।”
