क्रिस्टी कोवेंट्री बनीं आईओसी की पहली महिला और अफ्रीकी अध्यक्ष

खेल जगत में एक नया इतिहास रचते हुए ज़िम्बाब्वे की पूर्व ओलंपिक तैराक क्रिस्टी कोवेंट्री को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) का नया अध्यक्ष चुना गया है। वह इस पद तक पहुँचने वाली पहली महिला और पहली अफ्रीकी बनी हैं। उन्होंने जर्मनी के थॉमस बाख का स्थान लिया, जिन्होंने 12 वर्षों तक IOC की कमान संभाली।

IOC के इतिहास में पहली बार किसी महिला और अफ्रीकी नागरिक को यह सर्वोच्च पद मिला है। खेलों में लैंगिक समानता और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व की दिशा में इसे एक बड़ा और प्रतीकात्मक कदम माना जा रहा है।

साझेदारी और सहयोग ही मेरी राह: क्रिस्टी कोवेंट्री

आईओसी की नई अध्यक्ष बनने के बाद कोवेंट्री ने कहा, “मैं नेतृत्व को किसी व्यक्तिगत शक्ति की तरह नहीं, बल्कि एक साझेदारी की तरह देखती हूं। ओलंपिक आंदोलन अब एक ऐसे मोड़ पर है, जहाँ संवाद, पारदर्शिता और एकजुटता ही आगे का रास्ता हैं।”

कोवेंट्री ने अपने भाषण में अफ्रीकी मूल्यों और ‘Ubuntu’ दर्शन का उल्लेख करते हुए कहा कि “मैं हूं क्योंकि हम हैं” यही भावना IOC को एक सशक्त वैश्विक संस्था बना सकती है।

ओलंपिक चैंपियन से वैश्विक नेता तक का सफर

क्रिस्टी कोवेंट्री का खेल करियर प्रेरणादायक रहा है। क्रिस्टी कोवेंट्री को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ महिला तैराकों में गिना जाता है, खासकर बैकस्ट्रोक में।

उन्होंने तैराकी में 7 ओलंपिक पदक जीतकर न केवल ज़िम्बाब्वे का नाम रोशन किया बल्कि अफ्रीका की सबसे सफल ओलंपियन का गौरव भी हासिल किया।

  • 2004: एथेंस 1 स्वर्ण, 1 रजत, 1 कांस्य
  • 2008: बीजिंग 1 स्वर्ण, 3 रजत
  • 2012 : लंदन भाग लिया (पदक नहीं)

कुल 7 ओलंपिक पदक — अफ्रीका की सबसे सफल ओलंपियन

राजनीतिक और प्रशासनिक करियर

  • ज़िम्बाब्वे की युवा, खेल, कला एवं मनोरंजन मंत्री (2018–2022 तक)
  • IOC की एथलीट कमीशन अध्यक्ष (2018 से पहले)
  • IOC कार्यकारी समिति की सदस्य और अब
  • 2025 में IOC की अध्यक्ष बनीं (थॉमस बाख के स्थान पर)
  • 2004 एथेंस ओलंपिक: 1 स्वर्ण, 1 रजत, 1 कांस्य
  • 2008 बीजिंग ओलंपिक: 1 स्वर्ण, 3 रजत

खेलों से संन्यास लेने के बाद उन्होंने खेल प्रशासन और राजनीति में कदम रखा। वे ज़िम्बाब्वे की युवा एवं खेल मंत्री भी रह चुकी हैं और IOC में एथलीट्स कमीशन की अध्यक्षता कर चुकी हैं।

नई अध्यक्ष की प्राथमिकताएँ

नई अध्यक्ष के सामने आने वाली सबसे बड़ी चुनौती 2028 में लॉस एंजेलिस में होने वाले ओलंपिक की तैयारियाँ हैं। साथ ही उन्हें वैश्विक स्तर पर ओलंपिक आंदोलन की पारदर्शिता, वित्तीय संतुलन और सामाजिक समावेशिता जैसे विषयों पर भी ध्यान देना होगा।

कोवेंट्री ने कहा, “IOC अब केवल एक खेल संस्था नहीं, बल्कि वैश्विक मूल्यों का वाहक बन चुका है। हम हर महाद्वीप, हर समुदाय की आवाज़ को शामिल करेंगे।”

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