बांग्लादेश में तख्तापलट: PM शेख हसीना ने इस्तीफा दिया

स्टेट ब्यूरो

बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शन और हिंसक झड़पों के बीच सोमवार को तख्ता पलट हो गया है। दरअसल, ढाका में विरोध प्रदर्शन काफी उग्र हो चुका था, बेकाबू हुई देश की हिंसा प्रदर्शन को देखते हुए पीएम शेख हसीना ढाका छोड़कर चली गई हैं। इस बीच देश के सेना प्रमुख ने जानकारी दी है कि देश में एक अंतरिम सरकार बनाई जाएगी।

बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार-उज-जमान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया है। उन्होंने कहा कि देश में एक अंतरिम सरकार बनाई जाएगी। उन्होंने लोगों से हिंसा नहीं करने का आग्रह किया है और ये भी बताया कि उन्होंने सेना को गोलीबारी नहीं करने का आदेश दिया है।

प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया और राजधानी ढाका छोड़ दिया है। सूत्रों ने मुताबिक, “पीएम शेख हसीना और उनकी बहन रेहाना को गणभवन (प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास) छोड़कर सुरक्षित स्थान पर चली गई हैं। हिंसा को लेकर शेख हसीना भाषण रिकॉर्ड करना चाहती थीं, लेकिन उन्हें ऐसा करने का मौका नहीं मिल सका। इस बीच प्रदर्शनकारी PM आवास घुस आए हैं।” 

यह घटना ऐसे समय में हुई है जब बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकर-उज-जमान कल भीषण झड़पों में 98 लोगों के मारे जाने के बाद आज राष्ट्र को संबोधित करने वाले थे।

पिछले महीने शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों से अब तक मरने वालों की संख्या 300 से अधिक हो गई है। प्रधानमंत्री हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे सैकड़ों हजारों प्रदर्शनकारियों ने कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए राजधानी की सड़कों पर मार्च किया।

कैसे शुरू हुआ आंदोलन?

बांग्लादेश में छात्रों का विरोध प्रदर्शन पिछले महीने एक विवादास्पद नौकरी कोटा योजना के खिलाफ शुरू हुआ था। विरोध प्रदर्शन धीरे-धीरे सरकार विरोधी आंदोलन में बदल गया। छात्रों की मांग थी कि देश में जारी सिविल सर्विस कोटा सिस्टम में बदलाव किए जाएं, जो विशिष्ट समूहों के लिए पद आरक्षित करता है।

कोटा सिस्टम में पाकिस्तान के खिलाफ 1971 में बांग्लादेश की आजादी के आंदोलन में हिस्सा लेने वाले फ्रीडम फाइटर्स के बच्चों को आरक्षण मिलता है। दरअसल, इस सिस्टम के तहत छात्रों का आरोप है कि ये शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग के समर्थकों को गलत ढंग से फायदा पहुंचाता है और इतने लंबे वक्त तक इस तरह के कोटे को जारी नहीं रखना चाहिए।

जुलाई में शांतिपूर्ण आंदोलन धीरे-धीरे हिंसा की तरफ बढ़ता गया। शेख हसीना सरकार और उनके समर्थकों के दमनपूर्ण रवैये के चलते प्रदर्शनकारियों और आवामी लीग के छात्र संगठन के बीच हिंसक टकराव हुए, जिनमें कई लोग मारे गए।

जुलाई मध्य में आंदोलन में शेख हसीना को हटाए जाने की मांग तेज होने लगी और लाखों लोग ढाका में सड़कों पर आ गए। इस बीच सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला आया, जिसमें कोटा पर फिर से विचार कर इसे दोबारा लाने का फैसला दिया गया, लेकिन इसे भी प्रदर्शनकारियों ने मानने से इंकार कर दिया और कोटा सिस्टम को पूरी तरह खत्म करने की बात दोहराई।

आखिर में 4 अगस्त को बांग्लादेश में आंदोलन का सबसे हिंसक दिन रहा और करीब 100 लोग मारे गए। इस तरह पूरे आंदोलन में 300 लोगों ने जान गंवाई।

भारत ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर
बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच भारत ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। भारतीय नागरिकों को अगले आदेश तक बांग्लादेश की यात्रा न करने की सख्त हिदायत दी है। भारत के विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में मौजूद अपने नागरिकों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है।

वर्तमान में बांग्लादेश में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों को अत्यधिक सावधानी बरतने, अपनी गतिविधियों को सीमित रखने और ढाका में भारतीय उच्चायोग के आपातकालीन फोन नंबरों के जरिए संपर्क में रहने की सलाह दी जाती है।”

https://youtu.be/sLJqKTQoUYs?si=VYLyDUeUJb1pVRPz
https://regionalreporter.in/cyber-criminals-kept-a-woman-under-digital-arrest-for-30-hours/

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: