केंद्र बातचीत करे तो डल्लेवाल इलाज के लिए राजी: पंजाब सरकार

पंजाब सरकार ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि एक महीने से अधिक समय से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल चिकित्सा सहायता लेने के लिए सहमत हैं।

बशर्ते कि केंद्र सरकार बातचीत का उनका प्रस्ताव स्वीकार कर ले और वार्ता के लिए तैयार हो। इसके साथ ही पंजाब सरकार ने किसान नेता जगजीत डल्लेवाल को अस्पताल शिफ्ट करने के अदालत के 20 दिसंबर के आदेश के अनुपालन के लिए आर तीन दिन का और समय मांगा, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की अवकाशकालीन पीठ ने पंजाब सरकार की उस याचिका पर संज्ञान लिया, जिसमें उच्चतम न्यायालय के 20 दिसंबर के आदेश के अनुपालन के लिए तीन दिन का और समय देने का अनुरोध किया गया।

पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने कहा, ‘‘वार्ताकारों के अनुसार किसानों द्वारा केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव दिया गया है कि अगर उन्हें बातचीत के लिए निमंत्रण मिलता है, तो डल्लेवाल अपनी इच्छानुसार चिकित्सा सहायता लेने के लिए तैयार हैं।’’

सिंह ने कहा, ‘‘इसलिए, राज्य सरकार कुछ और समय मांग रही है और निर्देशों के अनुपालन की दिशा में सकारात्मक रूप से काम कर रही है।

’’इस पर पीठ ने कहा, ‘‘जहां तक ​​बातचीत या आपकी कानून-व्यवस्था का सवाल है, हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। अगर कुछ ऐसा होता है जो दोनों पक्षों और सभी संबंधित हितधारकों को स्वीकार्य हो, तो हमें भी उतनी ही खुशी होगी।

फिलहाल, हम केवल अपने आदेशों के अनुपालन को लेकर चिंतित हैं। अगर आप और समय चाहते हैं, तो हम विशेष परिस्थितियों में आपको कुछ समय देने के लिए तैयार हैं।

’’महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने पीठ की इस बात से सहमति जताई कि इस स्तर पर वार्ता को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए और उन्होंने कुछ समय देने का अनुरोध किया। केंद्र और हरियाणा सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस मुद्दे पर उनके पास कोई निर्देश नहीं हैं।

पीठ ने दलीलें दर्ज कीं और डल्लेवाल को अस्पताल में स्थानांतरित करने के अपने आदेश के अनुपालन के लिए मामले में सुनवाई दो जनवरी, 2025 तय की।

पीठ ने कहा, ‘‘हम अदालत द्वारा जारी निर्देशों के अनुपालन के लिए कुछ और समय देने के अनुरोध को स्वीकार करने को तैयार हैं।’’

पंजाब के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया गया है कि वे सुनवाई के दौरान डिजिटल माध्यम से व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहें।

इससे पहले 28 दिसंबर को शीर्ष अदालत ने डल्लेवाल को अस्पताल नहीं भेजने के कारण पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। साथ ही उसने 70 वर्षीय किसान नेता को चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने में बाधा डालने के लिए प्रदर्शनकारी किसानों की मंशा पर भी संदेह जताया था।

पंजाब सरकार ने कहा कि उसे प्रदर्शनकारी किसानों से भारी प्रतिरोध का सामना करना पड़ा, जिन्होंने डल्लेवाल को घेर लिया और उन्हें अस्पताल ले जाने से रोक दिया।

https://regionalreporter.in/cm-n-biren-singh-apologizes-for-caste-conflict-in-manipur/
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