हमारी विरासत एवं विभूतियां पुस्तक को मिली सरकार की मंजूरी

प्राथमिक शिक्षा में कक्षा 06 से 08 तक के पाठ्यक्रम में होगी शामिल

प्रदेश की भावी पीढ़ी अपनी समृद्ध सांस्कृतिक लोक विरासत और महान विभूतियों की जीवनी से परिचित हो सके, इसके लिए राज्य सरकार ने प्राथमिक शिक्षा के तहत सामाजिक विज्ञान विषय की सहायक पुस्तिका के रूप में ‘हमारी विरासत एवं विभूतियां’ पुस्तक को शामिल करने की मंजूरी दे दी है।

इस पुस्तिका को कक्षा 6 से 8 तक के पाठ्यक्रम में शैक्षिक सत्र 2025-26 से पढ़ाया जाएगा। नई शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों के तहत प्रदेश के स्कूलों में छात्र-छात्राएं राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक लोक विरासत, लोकगीत, लोक नृत्य, सांस्कृतिक विविधता, राज्य के इतिहास और अलग राज्य के आंदोलन समेत राजनीतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक आंदोलनों से भी रूबरू होंगे।

प्रदेश सरकार ने इसके लिए राज्य शैक्षिक अनुसांधन एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की ओर से यह पुस्तक तैयार कराई है। इस पुस्तक को पाठ्यक्रम में शामिल करने के बाद इसका परीक्षा मूल्यांकन होगा।

जिसमें कक्षावार सामाजिक विज्ञान विषय की अर्द्धवार्षिक व वार्षिक लिखित परीक्षा में कुल 80 अंक में से अधिकतम 05 अंक निर्धारित किए गए हैं। जबकि मासिक परीक्षा में इस पुस्तक से 10 में से अधिकतम 2 अंकों का मूल्यांकन किया जाएगा।

सामाजिक विज्ञान के पाठ्यक्रम में प्रोजेक्ट कार्य के लिए पूर्व से निर्धारित 10 अंक में से 3 अंक का मूल्यांकन हमारी विरासत एवं विभूतियां पुस्तक से किया जाएगा। विद्यालयों की समय-सारिणी में प्रति सप्ताह पुस्तक का न्यूनतम एक वादन निर्धारित किया जाएगा।

साथ ही पुस्तक की विषयवस्तु पर प्रार्थना सभा, प्रतिभा दिवस एवं राष्ट्रीय व स्थानीय दिवसों पर चर्चा-परिचर्चा, वाद-विवाद, भाषण व नाट्य प्रस्तुतीकरण आदि आयोजित किए जाएंगे।

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