ऊखीमठ के उनियाणा गांव में बारीश ने मचाई आफत

सड़क मार्ग हुआ बाधित, फसलों को हुआ भारी नुकसान
करीब 23 लाख के नुकसान का आंकलन

लक्ष्मण सिंह नेगी

मदमहेश्वर घाटी में बीती रात्रि हुई आफत की बारिश से ऊखीमठ-उनियाणा मोटर मार्ग पर भूधसाव होने से सात मत्स्य पालन के टैक मलवे में दबने से लगभग 23 लाख नुकसान होने का अनुमान है। मत्स्य पालन के टैको के साथ काश्तकारों की फसलों व बागवानी को भी भारी नुकसान होने के साथ पांच परिवारों के आवासीय भवन खतरे की जद में आ गये है।

मोटर मार्ग के मलवे में मत्स्य पालन के टैंकों के दबने से युवाओं के सन्मुख आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। मोटर मार्ग पर भूधसाव होने के कारण 11 केवी विधुत लाइन भी खतरे की जद में आ गयी है। मोटर मार्ग पर भूधसाव होने का मुख्य कारण बरसाती पानी की निकासी न होना माना जा रहा है। यदि मोटर का शेष भाग और धसता है तो उनियाणा-रासी के मध्य आवागमन बाधित हो सकता है।

राजस्व पुलिस, विधुत विभाग व लोक निर्माण विभाग के अधिकारी क्षति का आकणन करने के लिए घटना स्थल पहुंच गये है। जानकारी देते प्रधान उनियाणा महावीर पंवार ने बताया कि मदमहेश्वर घाटी में बीती रात्रि हुई मूसलाधार बारिश के कारण ऊखीमठ – उनियाणा मोटर मार्ग पर ग्राम पंचायत उनियाणा के अन्तर्गत अरसनी तोक में मोटर मार्ग का बड़ा हिस्सा टूटने से कुलदीप पंवार का 17 लाख लागत, चन्द्र प्रकाश पंवार 3 लाख का तथा योगेश पंवार के दो लाख लागत से बने मत्स्य पालन के प्लाट मलवे में दब गये है जबकि यशपाल पंवार के मत्स्य पालन प्लाट में बरसाती पानी घुसने से उन्हें एक लाख रुपये का नुकसान हुआ है।

उन्होंने बताया कि मोटर मार्ग के मलवे से काश्तकारों की फसलों व बागवानी को भारी नुकसान हुआ है तथा राजपाल पंवार, धर्म सिंह, कुलदीप सिंह, गौरा देवी व चन्द्र प्रकाश सिंह के आवासीय भवन खतरे की जद में आ गयें है। उन्होंने बताया कि पीडित परिवारों के अनुसार मोटर मार्ग का बड़ा हिस्सा खिसकने का मुख्य कारण मोटर मार्ग पर बह रहे बरसाती पानी का कटाव होना माना जा रहा है।

जिला पंचायत सदस्य कालीमठ विनोद राणा ने बताया कि सभी विभागों को घटना से अवगत कराया गया है। उन्होंने शासन-प्रशासन से पीड़ित काश्तकारों को उचित मुआवजा देने की मांग की है। माहेश्वरी मत्स्य जीवी सहकारी समिति लि. गडगू के अध्यक्ष कुवर सिंह राणा ने बताया कि उनियाणा के युवाओं द्वारा चार वर्ष पूर्व मत्स्य पालन का व्यवसाय शुरू किया गया था मगर मलवे में मत्स्य पालन के टैको के दबने से युवाओं के सन्मुख रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन के सभी टैको के मलवे में दबने से युवाओं के सन्मुख आजीविका का संकट खड़ा हो गया है।

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