प्रसिद्ध समाजसेवी एवं आंदोलनकारी स्वर्गीय कुंज बिहारी नेगी के निधन पर श्रीनगर गढ़वाल में विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई।
पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष कृष्णानंद मैठाणी की अध्यक्षता में हुई श्रद्धांजलि सभा में स्व.कुंज बिहारी नेगी द्वारा किए गए जन आंदोलन को याद कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि गढ़वाल विश्वविद्यालय का निर्माण केवल एक शैक्षणिक संस्थान की स्थापना नहीं था। यह गढ़वाल के लोगों की आकांक्षाओं, उनके सांस्कृतिक पहचान और शैक्षणिक प्रगति का प्रतीक था। इस सपने को साकार करने में कुंज बिहारी नेगी की भूमिका निर्विरोध रूप से महत्वपूर्ण रही। स्वामी मनमथन के साथ मिलकर उन्होंने इस आंदोलन को न केवल नेतृत्व प्रदान किया, बल्कि जन-जन का आंदोलन भी बनाया।
श्रद्धांजलि सभा में गढ़वाल विश्वविद्यालय के पूर्व कुल सचिव प्रोफेसर पीएस राणा एवं पर्वतीय विकास शोध केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ अरविंद दरमोड़ा ने कहा कि विश्वविद्यालय में एक सभागार का नाम कुंज बिहारी नेगी की याद में किया जाना चाहिए। सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि इस संदर्भ में शहर का एक शिष्टमंडल कुलपति को मिलकर ज्ञापन देकर मांग करेगा कि स्वर्गीय कुंज बिहारी नेगी की स्मृति में सभागार का नाम किया जाए।
बैठक में प्रगतिशील जन मंच के संयोजक अनिल स्वामी, वीरेंद्र सिंह नेगी, सूरज लाल, भगवती प्रसाद पुरी, हीरालाल जैन, बीपी वशिष्ठ, झाबर सिंह, मेजर राजेंद्र रावत, डॉक्टर योगेंद्र कांडपाल, सुरेंद्र उनियाल, चंद्रपाल सिंह नेगी, प्रकाश बुटोला, मुकेश अग्रवाल, डॉक्टर प्रदीप अन्थवाल ने श्रद्धांजलि सभा में अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन डॉ.अरुण कुकसाल ने किया।