यात्रियों, व्यापारियों, घोड़े-खच्चर संचालकों को भुगतना पड़ रहा खामियाजा
लक्ष्मण सिंह नेगी
तृतीय केदार तुंगनाथ यात्रापड़ावों पर समस्याओं का अम्बार लगने का खामियाजा देश-विदेश सहित स्थानीय श्रद्धालुओं को भुगतान पड़ रहा है। चारधाम यात्रा शुरू होने से पूर्व शासन-प्रशासन द्वारा चार यात्रा को सुगम व सुव्यवस्थित तरीके से संचालित करने के लाखों दावे तो किये जाते हैं मगर यात्रा पड़ावो पर समस्याओं का अम्बार लगने तथा जगह-जगह कूड़े के ढेर लगने से शासन-प्रशासन के दावों की पोल खुल गयी है।
पैदल मार्ग पर कूड़े का अम्बार-
चोपता-तुंगनाथ पैदल मार्ग के दोनों तरफ फैले सुरम्य मखमली बुग्यालों के संरक्षण व संवर्धन का जिम्मा सम्भाले केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग की लापरवाही के कारण बुग्यालों में मानवीय आवागमन होने तथा पैदल मार्ग पर कई स्थानों पर कूड़े के ढेर बुग्यालों की सुन्दरता धीरे-धीरे गायब होने से विभाग की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में आ गयी है।
मात्र आठ दिनों में यात्रियों का आंकड़ा 11 हजार पार
भगवान तुंगनाथ के कपाट विगत 10 मई को ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये गये थे तथा मात्र आठ दिनों में तुंगनाथ धाम में दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों का आंकड़ा 11 हजार के पार पहुँच गया है।
पैदल मार्ग पर एक भी शौचालय न होने के कारण महिला तीर्थ यात्रियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तथा वहाँ के प्राकृतिक सौन्दर्य को खासा नुकसान पहुंच रहा है। चार किमी पैदल मार्ग पर मात्र दो प्रतिक्षालय होने से तीर्थ यात्रियों को बारिश में भीग कर पहुंचना पड़ता है।
पेयजल आपूर्ति ठप होने से परेशान भक्तगण व स्थानीय लोग
पैदल मार्ग सहित तुंगनाथ यात्रा के आधार शिविर चोपता में पेयजल आपूर्ति ठप होने से तीर्थ यात्रियों व स्थानीय व्यापारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। चोपता-तुंगनाथ पैदल मार्ग के दोनों तरफ फैले सुरम्य मखमली बुग्यालों में मानवीय आवागमन होने से बुग्यालों की सुन्दरता धीरे-धीरे गायब होने लगी है जबकि पैदल मार्ग पर कई स्थानों पर कूड़े के ढेर लगने से तुंगनाथ धाम के आंचल में फैली प्रकृति को खासा नुकसान पहुंच रहा है।
व्यव्थाओं के प्रति शासन-प्रशासन हो सचेत
पहली बार नोएडा से तुंगनाथ यात्रा पर पहुंची रूचि मेहता का कहना है कि अन्य धामों की तर्ज पर तुंगनाथ धाम की व्यवस्थाओं के प्रति भी शासन -प्रशासन को गम्भीर होना चाहिए।
चोपता के व्यापारी नितिन नेगी व अरविन्द राणा ने बताया कि चोपता में पेयजल आपूर्ति ठप होने से व्यापारियों को तीन किमी दूर भुनकना से वाहनों में पानी ढ़ोकर अपना व्यवसाय संचालित करना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि चोपता बाजार में भी सुलभ शौचालय न होने से तीर्थ यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है तथा पार्किंग की व्यवस्था न होने से जाम की स्थिति बनी रहती है।