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अंडमान सागर में 5.4 तीव्रता का भूकंप, झटकों से दहला द्वीप समूह

जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में रविवार 09 नवम्बर दोपहर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में दहशत फैल गई और कई निवासी एहतियातन घरों से बाहर निकल आए।

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.4 दर्ज की गई। इसके केंद्र की गहराई लगभग 90 किलोमीटर थी और यह अंडमान सागर में स्थित रहा।

गहराई 90 किमी, तीव्रता मध्यम

अक्षांश 12.49° उत्तर और देशांतर 93.83° पूर्व पर स्थित इस भूकंप का झटका महसूस तो किया गया, लेकिन प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अब तक किसी प्रकार की क्षति की रिपोर्ट नहीं मिली है।

द्वीप समूह अपनी भूकंपीय सक्रियता के लिए जाना जाता है और भारत के सीस्मिक ज़ोन-V में आता है, जिसे सबसे ज्यादा जोखिम वाला क्षेत्र माना जाता है।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत के जिन हिस्सों में भूकंप का खतरा सबसे अधिक है, उनमें शामिल हैं—

  • पूरा पूर्वोत्तर भारत
  • जम्मू-कश्मीर के कई हिस्से
  • हिमाचल प्रदेश
  • उत्तराखंड
  • गुजरात का कच्छ क्षेत्र
  • उत्तरी बिहार के कुछ ज़िले
  • अंडमान और निकोबार द्वीप समूह

इन क्षेत्रों को ज़ोन-IV और ज़ोन-V में वर्गीकृत किया गया है, जहाँ बड़े भूकंपों की संभावना अधिक रहती है।

अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में तिब्बत में 3.6 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था। यह भूकंप धरती की सतह से केवल 10 किलोमीटर की गहराई में आया था।

उससे एक दिन पहले भी हल्के झटके महसूस किए गए थे।

विशेषज्ञों के अनुसार, उथले भूकंप ज़्यादा नुकसानदेह होते हैं, क्योंकि सतह तक तरंगों की यात्रा कम दूरी में होती है, जिससे जमीन अधिक जोर से हिलती है।

अंडमान में आया यह भूकंप अपेक्षाकृत गहराई में था (90 किमी), इसलिए इसका प्रभाव सतह पर कम महसूस किया गया।

विशेषज्ञों का कहना है कि गहरे भूकंप अक्सर ऊर्जा को नीचे की परतों में ही अवशोषित कर लेते हैं, जिससे नुकसान की संभावना कम हो जाती है।

https://regionalreporter.in/baikunth-chaturdashi-mela/
https://youtu.be/kYpAMPzRlbo?si=WE8sSo8_ffybubHd

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