सरकार को दिल्ली के लोगों से इतनी नफरत क्यों : अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने 2025 की गणतंत्र दिवस परेड में दिल्ली की झांकी को शामिल न करने को लेकर बीजेपी की भारी आलोचना की है।
केजरीवाल ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली की झांकी पिछले कुछ वर्षों से लगातार बाहर हो रही है। दिल्ली और उसके लोगों के प्रति इतनी नफरत क्यों है?
केजरीवाल ने कहा, दिल्ली की झांकी हर साल गणतंत्र दिवस परेड में शामिल की जानी चाहिए क्योंकि यह देश की राजधानी है। यह किस प्रकार की राजनीति है? वे दिल्ली और उसके लोगों से इतनी नफरत क्यों करते हैं? फिर दिल्ली को उन्हें (भाजपा) क्यों वोट देना चाहिए?
पिछले कुछ वर्षों से गणतंत्र दिवस परेड में दिल्ली की झांकी को शामिल न किए जाने को लेकर आप (AAP) और भाजपा के बीच विवाद चल रहा है और इसे 2025 के लिए भी शामिल नहीं किया गया है। बता दें कि पिछली बार दिल्ली की झांकी गणतंत्र दिवस परेड में 2021 में शामिल हुई थी।
दिल्ली की झांकी के बहिष्कार पर केंद्र ने दिया स्पष्टीकरण
2025 के लिए अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की झांकियों को शामिल नहीं पर स्पष्टीकरण देते हुए, सरकार ने कहा कि मिजोरम और सिक्किम ने प्रस्ताव पेश नहीं किया, जबकि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप ने चयन बैठकों में भाग नहीं लिया।
इस बीच, पांच अतिरिक्त राज्यों – पंजाब, आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल ने इसमें जगह बनाई। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि चयन प्रक्रिया योग्यता और रचनात्मकता पर आधारित है, न कि राजनीतिक संबद्धता पर।
उन्होंने कहा कि आप द्वारा शासित होने के बावजूद पंजाब को शामिल किया जाना प्रक्रिया की निष्पक्षता को उजागर करता है।इस बार हरियाणा और चंडीगढ़ की झांकी का भी चयन हुआ है, लेकिन दिल्ली की झांकी को खारिज कर दिया गया है।
इन राज्यों की झांकी को मिली मंजूरी
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि, 76वें गणतंत्र दिवस परेड में बिहार, झारखंड, चंडीगढ़, कर्नाटक, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियों ने गणतंत्र दिवस 2025 के लिए जगह बनाई है।
देश के 76वें गणतंत्र दिवस परेड के दौरान आम आदमी पार्टी द्वारा शासित राज्य पंजाब समेत 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विरासत, इतिहास और वर्तमान से सजी रंग-बिरंगी झांकियां दिल्ली के कर्तव्य पथ पर दिखेंगी।
सूत्रों ने बताया कि पिछले साल अपनाई गई रोटेशन पॉलिसी के तहत 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को झांकी के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा गया था। इस पॉलिसी के तहत प्रत्येक राज्य को तीन साल में एक बार झांकी प्रस्तुत करने का मौका मिलता है।